कोटा: राज्य सरकार की ओर से सोमवार से शुरू किए गए महंगाई राहत शिविरों को बीजेपी विधायकों ने झूठी वाहवाही हासिल करने के लिए ढकोसला बताया है. बीजेपी विधायक मदन दिलावर,अशोक डोगरा,चंद्रकांता मेघवाल,संदीप शर्मा और कल्पना देवी ने कहा कि शिविर पर अनावश्यक करोड़ों रुपये खर्च करने की जगह इस पैसे को जनहित में खर्च किया जाना चाहिए था.विधायकों ने कहा कि जिन योजनाओं के लिए रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है, उसका पूरा ऑनलाइन रिकॉर्ड सरकार के पास है.घरेलू उपभोक्ता को 100 यूनिट बिजली और कृषि कनेक्शनों पर 2000 यूनिट मुफ्त बिजली के लिए उपभोक्ताओं से उनके कनेक्शन नंबर मांगे जा रहे हैं, जबकि यह सारा डाटा सभी बिजली कंपनियों के पास पहले से है.


लोगों को किया जा रहा है परेशान?


Congress vs BJP:  बीजेपी विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरिंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की बढ़ी हुई बीमा राशि 25 लाख रुपए, मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना की बढ़ी हुई बीमा राशि 10 लाख रुपए, मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना,मुख्यमंत्री निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना,सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना (1000 रुपए पेंशन प्रतिमाह) के लिए जनआधार नम्बर मांगे जा रहे हैं,जबकि अब तक भी इन सभी योजनाओं का लाभ जनआधार नंबर पर ही मिल रहा है, तो लोगों को भीषण गर्मी में क्यों परेशान किया जा रहा है.विधायकों ने कहा कि इस तरह के शिविर लगाकर सरकार का मकसद लोगों को लाभांवित करना नहीं बल्कि झूठी वाहवाही लूटना है.


पिछले बजट की घोषणाओं का क्या हुआ?
अपने फायदे के लिए सरकार भरी गर्मी में लोगों को लाइनों में खड़ा करना चाहती है.इन शिविरों में मुख्य भूमिका निभाने वाले मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर हैं.सूचना सहायक सहित कई अन्य वर्गों के कर्मचारी भी हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं. ऐसी परिस्थिति में शिविरों में काम कैसे होगा. विधायकों ने कहा कि पिछले बजट में अनेक ऐसी घोषणाएं थीं जो अब तक लागू नहीं हुई हैं. उसके बाद भी राज्य सरकार ने इस बार भी झूठे वादों की झड़ी लगा दी है.बीजेपी विधायकों का कहना है कि अगर सरकार की लोगों को लाभान्वित करने की मंशा होती तो ऑनलाइन डाटा को अपडेट कर एक मिनट में सभी योजनाओं का लाभ दे देती.लेकिन शिविरों का आयोजन इसलिए किया जा रहा है ताकि पहले रजिस्ट्रेशन करने और फिर अपडेशन के नाम पर समय निकाल दिया जाए. 


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