Jaipur News: बीजेपी (BJP) सांसद डॉक्टर किरोड़ी मीणा (Dr Kirodi Lal Meena) ने राजस्थान के कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है.डॉक्टर किरोड़ी ने स्किल डेवलपमेंट के नाम पर चहेतों को बंगले आवंटित करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसमें पुनर्निर्माण नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं. उनका आरोप है कि इसमें काले धन का उपयोग किया जा रहा है. मीणा ने तथ्यों के साथ आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने चहेतों को 'राज आंगन कॉलोनी' में भ्रष्टाचार से आवंटन कर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है. उन्होंने कहा कि राजधानी में खुलेआम भ्रष्टाचार से जमीनों की बंदरबाट जारी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने शांति धारीवाल को नगरीय विकास मंत्री जिस उद्देश्य के लिए बनाया वो उदेश्य लगभग पूरा हो ही गया.


बीजेपी सांसद ने क्या आरोप लगाए हैं


किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि जमीनों का गलत आवंटन कर मोटी रकम ऐंठी जा रही है.इसके साथ ही अपने मतलब के लोगों को बेशकीमती जमीनें आवंटित की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया है कि ये लोग जेडीए, नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड जैसे विभागों में भ्रष्टाचार फैला रहे हैं. इसमें आम आदमी और व्यापारियों का शोषण किया गया है.


45 करोड़ की जमीन छह करोड़ में दी


डॉ किरोड़ी ने धारीवाल पर आरोप लगाया है कि हाउसिंग बोर्ड के खण्ड-3 की राज आंगन योजना, प्रतापनगर, सांगानेर में मंत्री शांति धारीवाल ने अपने खास व्यक्ति अश्विनी, आरजी मेमोरियल एजुकेशन सोसायटी कोटा को 2377.36 वर्ग मीटर जमीन दी है. इसकी कीमत 45 करोड़ रुपये है. उस जमीन को मात्र 6 करोड़, 18 लाख रुपये में अपने खास व्यक्ति को (जो कोटा का रहने वाला है) को दे दी है.उनका आरोप है कि कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र के उद्देश्य को पूरा करने के ली दी गई जमीन पर आवंटी ने विशाल बंगला बना लिया है. उन्होंने कहा कि इस बंगले में देर रात तक शराब पार्टियां चलती रहती हैं.


एक दिन में एक जगह पर 20 लोगों के दस्तखत


डॉक्टर किरोड़ी ने आरोप लगाया कि इस जमीन को अलग संस्था में रजिस्ट्रेशन कराकर आवंटन कराने की कोशिश की गई थी. लेकिन वो पॉलिसी के नियमों में नहीं फिट हो रही थी क्योंकि उसके लिए 2500 मीटर की भूमि होना जरूरी था. बाद में इसे बदलकर कौशल विकास के लिए करकर आवंटन कर दिया गया.उन्होंने बताया कि इस जमीन के लिए 12 मार्च 2020 को आवेदन की फाईल लगाई गई. इसके आवंटन के लिए सभी अधिकारियों को एक ही जगह बुलाकर 20 मार्च 2020 को एक साथ 20 अधिकारियों और कर्मचारियों ने नोटशीट पर दस्तखत किए. उन्होंने जानना चाहा कि आखिर ऐसी क्या जल्दी थी जो नोटशीट पर एक साथ 20 हस्ताक्षर कराए गए. उन्होंने बताया कि 45 दिन बाद फिर एक दिन इनके खास अधिकारियों की मीटिंग होती है और बाकी के हस्ताक्षर 13 मई 2020 को एक ही साथ एक ही दिन में हो जाते हैं. इस जमीन के आवंटन में लेन-देन की बात नहीं बनती है तो सात दिन बाद वो फाइल शांति धारीवाल के पास जाती है. वो नोटशीट पर लिखते हैं कि 'Not Allow'.


शांति धारीवाल से नहीं हो पाया संपर्क


बीजेपी सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों पर एबीपी न्यूज़ ने कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.


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