Rajasthan Politics: राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष बदलने के बाद अब टीम पर सब कुछ फोकस है. चूंकि, ज्यादातर पदाधिकारी अन्य पदों पर भी काम कर रहे हैं. ऐसे में अब 70 साल की उम्र में अध्यक्ष बने मदन राठौड़ के साथ युवाओं की टीम लगाई जा रही है. क्योंकि, सीपी जोशी के अध्यक्ष बनने के बाद उनकी टीम में सभी जातियों को रखा गया था. 


मगर, उनकी टीम में कई चेहरे रिपीट किए गए थे. सूत्र बता रहे है कि इस बार महिलाओं को भी बड़ी जगह मिल सकती है. जो सांसद या विधायक बन गए हैं उन्हे अब संगठन में जगह नहीं दिए जाने की तैयारी है.


अभी ये है टीम 
प्रदेश उपाध्यक्ष :- नारायण पंचारिया , बाबा बालक नाथ योगी , चुन्नीलाल गरासिया , मुकेश दाधीच , सरदार अजय पाल सिंह, प्रभु लाल सैनी, सीआर चौधरी, मोतीलाल मीणा, ज्योति मिर्धा , नाहर सिंह जोधा को सीपी जोशी ने टीम में जगह दी थी. 


प्रदेश महामंत्री :- दामोदर अग्रवाल , श्रवण सिंह बगड़ी , संतोष अहलावत , ओम प्रकाश भडाना अब देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष बन गए हैं. 


प्रदेश मंत्री :- विजेंद्र पूनिया , वासुदेव चावला , पिंकेश पोरवाल , भूपेंद्र सैनी , महेंद्र कुमावत , अनंत राम बिश्नोई , सांवलाराम देवासी , अनुसूया गोस्वामी , स्टेफी चौहान , अजीत मांडन , मिथिलेश गौतम , आईदान सिंह भाटी , अनीता कटारा को प्रदेश मंत्री बनाया गया था.


प्रदेश कोषाध्यक्ष पंकज गुप्ता, प्रदेश सह - कोषाध्यक्ष :- अनिल सिसोदिया को जगह मिली थी.


मदन राठौड़ पर दांव लगाने की वजह
राजनीतिक जानकारों का मानना ​​है कि मदन राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे बीजेपी उनके जरिए अपने ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. घांची जाति के ओबीसी समुदाय से आने वाले मदन राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करके बीजेपी ने जातिगत समीकरण को समतल कर दिया है और ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश की है, जो किसी राज्य की जीत या हार में निर्णायक भूमिका निभाता है. राजस्थान में 50 फीसदी से ज्यादा मतदाता ओबीसी के हैं, जिनमें कई जातियां शामिल हैं और लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतदाताओं ने भी अहम भूमिका निभाई.


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