Rajasthan Mission 2023: पिछले विधानसभा चुनाव में भरतपुर संभाग से सूपड़ा साफ होने के बाद बीजेपी रथ पर सवार होने जा रही है. मिशन 2023 को देखते हुए बीजेपी सभी 19 विधानसभा क्षेत्रों में रथ दौड़ाएगी. 2018 के विधानसभा चुनाव में भरतपुर संभाग से बीजेपी को एक सीट पर संतोष करना पड़ा था. 19 सीटों में 13 सीटें जीतकर कांग्रेस सिरमौर रही थी. 3 सीट बसपा के खाते में और एक -एक सीट पर रालोद और निर्दलीय ने जीत का परचम लहराया था. भरतपुर संभाग में मिली जबरदस्त हार को देखते हुए अब बीजेपी 19 रथ तैयार करवा रही है.
19 रथ, 15 दिन, 6 हजार किलोमीटर का सफर
रथों पर सवार होकर स्थानीय नेता नुक्कड़ सभाओं में बीजेपी का प्रचार करेंगे. बीजेपी के 19 रथ 15 दिन में लगभग 6 हजार किलोमीटर का सफर तय कर लगभग 2 हजार ग्राम पंचायतों में जाएंगे. रथ पर सवार होकर स्थानीय नेता प्रदेश में बढ़ते अपराध और महिला अत्याचार के खिलाफ कानून की लचर व्यवस्था को उजागर करेंगे. गौरतलब है कि 2018 के चुनाव में बीजेपी धौलपुर विधानसभा सीट ही जीत पाई थी. धौलपुर से जीत दर्ज करने वाली विधायक शोभारानी कुशवाह ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की. कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने पर बीजेपी ने शोभारानी कुशवाह को पार्टी से निलंबित कर दिया था.
प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया दिखाएंगे हरी झंडी
जानकारी के अनुसार 3 दिसंबर को 19 रथों को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और राजेन्द्र राठौड़ हरी झंडी दिखाएंगे. 19 विधानसभा सीट के लिए तैयार किये जा रहे रथों का रूट चार्ट अभी नहीं बना है. जल्दी ही रूट चार्ट तैयार होने की उम्मीद है. पहले रथों की रवानगी का कार्यक्रम 1 दिसंबर से था. लेकिन दिल्ली में एमसीडी चुनाव होने के कारण सभी बड़े नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त रहेंगे. 2 दिसंबर को दिल्ली में चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद 3 दिसंबर को बीजेपी के रथ रवाना होंगे.
भरतपुर संभाग में खोयी जमीन पाने की कोशिश
पहले भरतपुर संभाग को विधानसभा चुनाव में बीजेपी का गढ़ माना जाता था. बीजेपी 8- से 15 सीट पर जीत दर्ज करती थी. लेकिन 2018 के चुनाव में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया और सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिली. इस बार बीजेपी नेता रथ पर सवार होकर वोट मांगने के लिए निकल रहे हैं और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के अधिक से अधिक गावों को कवर कर बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार करेंगे ताकि 2023 के चुनाव में पार्टी को फिर से सिरमौर बनाया जा सके.