Rajasthan Politics: कोटा में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) का कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया. उनके स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा. बूंदी से लेकर कोटा तक दर्जनों जगह उनका स्वागत किया गया, लेकिन इन सब के बीच गुटबाजी भी देखने को मिली. एक तरफ तो जिलाध्यक्ष की ओर से स्वागत किया गया, तो दूसरी ओर पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत (Bhawani Singh Rajawat) ने भी स्वागत किया. इसके साथ ही वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) खेमे के प्रहलाद गुंजल (Prahlad Gunjal) ने भी सीपी जोशी का स्वागत किया. वहीं आरएसएस लॉबी के नेताओं ने सीपी जोशी का स्वागत कर शक्ति प्रदर्शन का प्रयास किया.
कोटा को आरएसएस और बीजेपी का गढ कहा जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला दोनों यहीं से आते हैं. आरएसएस के कद्दावर नेता कोटा से आते हैं तो यहां युवाओं की बड़ी फौज भी है. सभी गुटों का यहां अपना ही वर्चस्व है. ऐसे में सीपी जोशी को सबसे अधिक मेहनत कोटा में ही करनी होगी. सभी को एक साथ लेकर चल पाना उनके लिए टेडी कील साबित होगा. हालांकि उन्होंने आश्वस्त किया है कि सभी को साथ लेकर चलेंगे. बीजेपी में सीएम की दावेदारी कोटा संभाग से भी की जाएगी.
आगामी सरकार बनी तो दावेदारों की कमी नहीं
कोटा संभाग में कई पूर्व मंत्री हैं, जो वर्तमान में विधायक हैं. वहीं कई ऐसे भी हैं, जो दो से तीन बार और उससे भी अधिक बार जीतकर अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. ऐसे में जहां पूर्व मंत्री और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी वर्तमान में विधायक हैं तो वहीं दूसरी और तीन बार जीत चुकी चन्द्रकांता मेघवाल, दो बार के विधायक संदीप शर्मा, अशोक डोगरा अपनी दावेदारी के लिए कोशिश कर रहे हैं.
इसके साथ ही जो हार गए लेकिन अहम भूमिका में हैं ऐसे में पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत सहित कई नेता अपनी दावेदारी के लिए जोर अजमाइश कर रहे हैं. इन सभी को साथ लेकर चलना बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के लिए काफी टेडा काम होगा. वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी झालरापाटन से आती हैं, ऐसे में कोटा संभाग राजनैतिक लिहाज से काफी अहम भूमिका निभाता है.