BJP in Rajasthan Assembly Election 2023: बीजेपी राजस्थान के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए 'परिवर्तन यात्रा' निकाल रही है, हालांकि, पार्टी कार्यकर्ताओं को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की 'कमी खल रही है' और समझ नहीं पा रहे हैं कि 'कोई प्रमुख चेहरा' अभियान का नेतृत्व क्‍यों नहीं कर रहा है. बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि राजे भीड़ खींचने वाली थीं और अपनी रैलियों के दौरान कार्यकर्ताओं में प्रेरणा और उत्साह लाती थीं. इन कार्यकर्ताओं ने बताया कि वे अलग-अलग स्थानों पर इन यात्राओं में शामिल होने से कतरा रहे हैं. उनका दावा है कि उनका तथाकथित स्थानीय नेताओं से कोई संबंध नहीं है क्योंकि पार्टी में एक चेहरा नहीं बल्कि कई चेहरे हैं जो आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं.


दरअसल, राज्य के कई हिस्सों में पार्टी नेताओं को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा क्योंकि रैलियों में भीड़ नहीं थी बल्कि खाली कुर्सियां ही सुर्खियां बन रही थीं. पोखरण विधानसभा से गुलाब सिंह कहते हैं, ''जब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे रैलियां निकालती थीं तो चारों ओर उत्साह होता था और महिलाएं भी शामिल होती थीं. आजकल महिलाओं की भागीदारी कम है. साथ ही राजे के बाद पार्टी में कोई मजबूत चेहरा नहीं रहा है जिसे पार्टी कार्यकर्ता अपना नेता मान सकें. इसलिए वरिष्ठ नेताओं को इस मोर्चे पर सोचना चाहिए और एक चेहरा लाना चाहिए जिसके पास पार्टी कार्यकर्ता अपने स्थानीय मुद्दों पर चर्चा कर सकें.


कार्यकर्ताओं ने कहा, जहां से राजे निकलती थीं महिलाएं जुड़ जाती थीं
बीजेपी नेता लोकेश ने कहा, “जब राजे यात्राएं निकालती थीं, तो महिलाएं अपने आप उनके साथ जुड़ती थीं. वह था राजे और महिला मतदाताओं का जुड़ाव, जिसका वर्तमान में मौजूदा हालात में अभाव दिख रहा है. इसलिए ऐसा लगता है कि महिला मतदाताओं को गहलोत सरकार ने लालच दिया है.'' हिंडौन सिटी के एक अन्य कार्यकर्ता अमन शर्मा ने कहा, “पूर्वी राजस्थान में बीजेपी पहले से ही कमजोर है और यात्रा को यहां खराब प्रतिक्रिया मिली है. इसका कारण - रेगिस्तानी राज्य में चेहरे की कमी है. पार्टी कार्यकर्ताओं को यह समझ नहीं आ रहा है कि वे कहां जाएं या उन्हें किस नेता के साथ जाना चाहिए.''


राजेंद्र राठौर कर रहे यह दावा
इस बीच, बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि यात्रा को व्यापक प्रतिक्रिया मिल रही है. विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा, ''यह 'परिवर्तन संकल्प यात्रा' लोगों को इस कांग्रेस के कुशासन से मुक्त कराने के लिए कार्रवाई का आह्वान है. इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है जिससे पता चलता है कि कांग्रेस सरकार दोबारा सत्‍ता में नहीं आएगी.''


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