Kota News: कोटा (Kota) ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां कहीं भी ट्रैफिक लाइट नहीं होगी. यही नहीं कोटा में रेड सिंग्नल नहीं होने पर भी कहीं ट्रैफिक को रोका नहीं जाएगा. कोटा का यातायात 24 घंटे बिना ट्रैफिक पुलिसकर्मी के चलता रहेगा. इतना ही नहीं यहां ट्रैफिक जाम की समस्या भी कहीं नहीं रहेगी. कोटा शहर में ट्रैफिक पुलिसकर्मी तो दिखेंगे, लेकिन वो यातायात रोकते नजर नहीं आएंगे. कोटा में 10 ऐसे बड़े प्रोटेक्ट पूरे हो गए हैं, जिनकी सौगात कोटा वासियों को मिलने जा रही है.
संभवतया कोटा राजस्थान का पहला शहर होगा, जहां इस तरह से व्यवस्था की जा रही है. नगरीय विकास और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की पहल पर कोटा में आवागमन को सुगमता और कोटा को ट्रैफिक लाइट फ्री सिटी बनाने वाले सभी प्रोजेक्ट पुरे हो गए हैं. वहीं यातायात की सुगम सुविधा प्रदान करने के लिए कोटा वासियों को 10वें बड़े प्रोजेक्ट बोरखेड़ा फ्लाईओवर की सौगात अब जल्द मिलने जा रही है. नगर विकास न्यास सचिव राजेश जोशी ने बताया कि कोटा शहर वासियों और यहां से गुजरने वाले लाखों लोगों को ट्रैफिक को सुगमता प्रदान करने वाला 1124 मीटर लंबा टू लेन फ्लाईओवर कंप्लीट हो चुका है.
15 मीटर चौड़ा है बोरखेड़ा फ्लाईओवर
उन्होंने बताया कि फ्लाईओवर की टेस्टिंग के बाद आमजन को आवागमन की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए नगरीय विकास और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर ट्रैफिक आवागमन शुरू कर दिया गया है. करीब 15 दिन में अप्रोच वर्क पुरा होने जा रहा है. 15 मीटर चौड़ाई 7.7 मीटर के टू लेन वाले इस फ्लाईओवर को 28 स्पान पर विकसित किया गया है. इसे 111 करोड़ की लागत से विकसित किया गया है. बोरखेड़ा फ्लाईओवर सालों लोगों को सुगम आवागमन प्रदान करेगा. दरअसल, कोटा शहर की बढ़ती आबादी और शहर से गुजरने वाले भारी ट्रैफिक को सालों तक आवागमन की बेहतर सुगमता उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से कार्य योजना बनाई गई थी. वह पूरी हो गई है.
सुगम आवागमन के 10वें बड़े प्रोजेक्ट की जल्द मिलेगी सौगात
अब कोटा शहर ट्रैफिक लाइट फ्री सिटी के साथ आवागमन की सुगमता प्रदान करने वाला देश का अग्रणी शहर बन गया है. यहां पर्यटन विकास के विश्व स्तरीय प्रोजेक्ट भी जल्द पूरे होने जा रहे हैं. उसके बाद यहां देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भी आवागमन की सुलभ सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. वहीं नगरीय विकास और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि कोटा में जनापयोगी आवागमन पर्यटन विकास के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट इस कार्यकाल में पूरे हुए हैं. आवागमन के सभी प्रोजेक्ट आमजन को सुगमता प्रदान कर रहे हैं.
कोटा को मिलने जा रही हैं आवागमन के बड़े प्रोजेक्ट की सौगात
1. सिटी मॉल फ्लाईओवर : कोचिंग स्टूडेंट्स और शहरवासियों को झालावाड़ रोड़ पर यातायात जाम की समस्या के निजात दिलवाने के लिए 650 मीटर की लम्बाई में राशि रू 47 करोड़ की लागत से 4 लेन फ्लाई ओवर का निर्माण करवाया गया है, जिसकी बेहतर सुविधा उपलब्ध हो रही है.
2. इन्दिरा गांधी फ्लाईओवर: कोटा शहर के प्रमुख व्यवसाय केन्द्र गुमानपुरा में यातायात जाम के समाधान को ध्यान में रखते हुए 1200 मीटर की लम्बाई में, 57 करोड़ की लागत से 2 लेन एलिवेटेड रोड़ का निर्माण करवाया गया है, जिससे यातायात सुगम हो गया है.
3. अनन्तपुरा फ्लाईओवर: अनन्तपुरा तिराहे पर 530 मीटर की लम्बाई में कोटा से झालावाड़ की ओर तथा 1000 मीटर की लम्बाई में भामाशाह मंडी से कोटा शहर की ओर 65 करोड़ की लागत से दो 12 लेन फ्लाईओवर का निर्माण करवाया गया है. यह फ्लाईओवर ट्रैफिक लाइट सिटी कोटा का अंतिम फ्लाईओवर है.
4. महाराणा प्रताप फ्लाईओवर: महाराणा प्रताप 2 लेन फ्लाईओवर का निर्माण कुन्हाड़ी चौराहे पर यातायात जाम की समस्या के चलते 467 मीटर की लम्बाई में 42 करोड़ की लागत से करवाया गया है. इसके बाद चोराहा भी विकसित किया गया है.
5. गोबरिया बावड़ी से नेहरू पार्क तक रोड़ का नवीनीकरण: यातायात सुगम करने की दृष्टि से कोटा शहर की मुख्य सड़क गोबरिया बावड़ी से नेहरू पार्क तक का विस्तार, सुदृढीकरण, सौन्दर्यकरण और विद्युतीकरण किया गया है.
6. अंटाघर चौराहे पर अंडरपास: अंटाघर चौराहे पर यातायात जाम की समस्या का अब निराकरण हो गया है. सड़क दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगा है. 29 करोड़ की लागत से अण्डरपास का निर्माण और सौन्दर्यकरण का कार्य करवाया गया है.
7. एरोड्राम चौराहे पर अंडरपास: शहर की बढ़ती आबादी वाहनों में बढ़ोतरी से एरोड्राम चौराहे पर यातायात जाम की समस्या बनी रहती थी. इसे देखते हुए 50 करोड़ की लागत से अंडरपास का निर्माण और सौन्दर्यकरण का कार्य करवाया गया है.
8. गोबरिया बावड़ी अंडरपास: गोबरिया बावड़ी चौराहे पर औद्योगिक क्षेत्र के वाहनों का आवागमन और बढ़ते शहरी ट्रैफिक से यातायात जाम की समस्या से छुटकारा मिल गया है. 31.50 करोड़ की लागत से अंडरपास का निर्माण सौन्दर्यकरण का कार्य करवाया गया है.
9. ग्रेड सेपरेटर कोटड़ी रोड़: कोटा का 60 फीसदी से अधिक ट्रैफिक इसी क्षेत्र से गुजरता है कोटड़ी चौराहे पर यातायात जाम की समस्या से अब मुक्ति मिल गई है. यहां 10 करोड़ की लागत से ग्रेड सेपरेटर का निर्माण और सौन्दर्यकरण का कार्य करवाया गया है.