Rajasthan News: राजस्थान में रविवार को पहली बार अंग प्रत्यारोपण के लिए एयर एम्बुलेंस का इस्तेमाल हुआ. ब्रेन डेड व्यक्ति के 8 अंगों का प्रत्यारोपण किया गया. इस लिहाज से भी पहला अवसर रहा जब एक ही व्यक्ति के लंग्स और हृदय का प्रत्यारोपण एक ही रोगी में किया गया. प्रदेश में पहली बार लंग्स का प्रत्यारोपण किया गया है.


चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान ने अंगदान की प्रक्रिया में विशेष भूमिका निभाई. एयर एम्बुलेंस के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी होने से भी अंगदान एवं प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक सम्पन्न हो सका है. चिकित्सा शिक्षा सचिव ने बताया कि विभाग अंगदान के लिए विभिन्न एनजीओ के माध्यम से विशेष अभियान चलाकर लोगों को प्रोत्साहित करेगा.


कुछ ऐसे हुआ अंग प्रत्यारोपण
11 दिसंबर को 33 वर्षीय विष्णु प्रसाद को गम्भीर रूप से घायल हो गये थे. इलाज के लिए विष्णु प्रसाद को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया. काफी प्रयास के बाद भी विष्णु को बचा पाना सम्भव नहीं हो पाया. डॉक्टरों ने विष्णु को ब्रेन डेड घोषित कर दिया. ब्रेन डेड घोषित होने के बाद डॉक्टरों ने परिजनों को अंगदान की प्रेरणा दी. परिजनों को बताया गया कि अंगदान करने से दूसरे मरीजों को नई जिंदगी मिल सकती है. परिजन विष्णु का अंग दान करने को तैयार हो गये.


विष्णु की दोनों किडनियां, लिवर, हार्ट, लंग्स और दोनों कॉर्निया को दान करने की व्यवस्था की गयी. नोडल अधिकारी डॉ. रामसेवक ने प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई. सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर में एक किडनी, हार्ट और लंग्स का आवंटन किया गया. पहली बार हेलीकॉटर की सहायता से अंगों को झालावाड़ से सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर में प्रत्यारोपण के लिए लाया गया. एक किडनी और लिवर का प्रत्यारोपण एम्स जोधपुर में किया गया. एम्स जोधपुर में भी अंगों को झालावाड़ से हवाई जहाज के माध्यम से ले जाया गया.


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