Rajasthan Budget Session 2023: राजस्थान विधानसभा में परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला *Brijendra Singh Ola) के बयान के आज दिए बयान से बहस छड़ गई है. अजमेर दक्षिण से बीजेपी विधायक अनीता भदेल (BJP MLA Anita Bhadel) ने सदन में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (Rajasthan State Road Transport Corporation) के रिटायार्ड अधिकारियों और कर्मचारियों की पेंशन का मुद्दा (Pension Issue) उठाया था और सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए पेंशन 65.18 करोड़ फंड बकाया होने की बात कही.
उन्होंने बताया कि अजमेर में दिसंबर 2022 तक 200 राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अधिकारी और कर्मचारी रिटार्यड हुए हैं. उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि रिटायर्ड कर्मियों और अधिकारियों की पेंशन का भुगतान कब होगा.
बीजेपी विधायक के सवाल पर क्या बोले परिवहन मंत्री?
परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला ने बीजेपी विधायक के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कई रिटायर्ड लोगों का कागज पूरा नहीं होने की वजह से पेंशन का लाभ मिलने में देरी होती है. उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर संबधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी खुद मंत्री से नरेंद्र सिंह गौड़ को पेंशन नहीं मिलने का मुद्दा पूछ लिया. सीपी जोशी ने कहा कि उनके बाद वालों को पेंशन कैसे जारी हो गई? परिवहन मंत्री ने जवाब दिया कि नरेंद्र सिंह गौड़ के पेपर पूरे नहीं हैं. इसलिए अभी तक उनको पेंशन का लाभ नहीं दिया जा सका है.
सदन में उठाया था कर्मियों की पेंशन भुगतान का मुद्दा
परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला ने कहा कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम पहले भी घाटे में थी और अभी भी घाटे में है. जनता की परेशानी को देखते हुए बेहतर बसें चलाई जा रहीं हैं. परिवहन निगम की मांग पर सरकार फंड मुहैया कराती है. उन्होंने बताया कि पिछली सरकार से ज्यादा अनुदान वर्तमान सरकार ने निगम को दिया है. मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला ने हंसते हुए कहा कि फंड नहीं है. फंड आते ही प्राथमिकता के आधार पर 16 लोगों का पेंशन भुगतान करा दिया जाएगा.
सूत्रों की माने तो मई 2022 से लेकर अब तक 500 के आसपास कर्मचारी और अधिकारी रिटायर्ड हुए हैं. उनका भुगतान रुका हुआ है. औसतन हर महीने लगभग 7-10 करोड़ रुपए परिवहन निगम का खर्च आता है. लगभग 70 से 80 लोग रिटायर्ड होते हैं. पिछली सरकार के दौरान भी भुगतान में देरी होती थी. कई बार धरने पर बैठने के बावजूद कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. फंड के न होने का हवाला देकर मंत्री पल्ला झाड़ लेते है.
कुछ ऐसा ही अभी भी चल रहा है. परिवहन निगम के सूत्रों का कहना है कि पिछली सरकार में विपक्षी कांग्रेस ने बेहतरी का भरोसा दिया था. कांग्रेस ने घोषणा पत्र में भी कहा था कि परिवहन निगम के कर्मचारी और अधिकारी को दुखी नहीं करेंगे. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस सत्ता में आते ही किया वादा भूल गई.