एक्सप्लोरर

Budget 2023 Expectations: राजस्थान में जनजाति क्षेत्र के विकास के लिए कैसे तय हो बजट, जानें- संविधान में क्या हैं प्रावधान?

India Budget 2023: बजट का आवंटन संविधान संविधान के अनुसार ही हो जाए तो आदिवासियों की कई तकलीफें दूर हो जाएगी. जनजाति क्षेत्र के मुख्य आजीविका के साधन खेती, मजदूरी और वन उपज है.

Union Budget 2023 India: कल आम बजट जारी होने वाला है. युवा, महिला, नौकरी, व्यापार सहित हर वर्ग उम्मीद लगाए बैठा है कि इस बजट में उन्हें कुछ खास मिलेगा. हालांकि एक ऐसा वर्ग ,है जिसकी उम्मीदें तो बहुत है, लेकिन ना तो बाहर आ पाती है और ना ही पूरी हो पाती है, वह जनजाति (आदिवासी) क्षेत्र के लोग. जनजाति क्षेत्र के मुख्य तीन आजीविका के साधन हैं, जिसमें खेती, मजदूरी और वन उपज शामिल है.

इससे वह सिर्फ अपनी दो वक्त की रोटी ही कर पाता है और कभी कभी यह भी नहीं हो पाती. इनके लिए क्या होना चाहिए, इसके लिए उदयपुर के संभागीय आयुक्त कार्यालय में कार्यरत डॉ. भरत श्रीमाली से बात की, तो उन्होंने मुख्य रूप से बजट आवंटन के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्र के विकास के लिए बजट का आवंटन संविधान के अनुसार होने चाहिए, जो नहीं हो रहा है.

डॉ. भरत श्रीमाली ने बताया कि बजट का आवंटन संविधान के अनुसार ही हो जाए तो आदिवासियों की कई तकलीफें दूर हो जाएंगी. भरत श्रीमाली से जानिए जनजाति क्षेत्र की क्या उम्मीदें हैं, संविधान में क्या एक्ट है और क्या होना चाहिए. साथ ही आंकड़ों में देखते हैं कितना बजट मिलता है. 

संविधान में बजट के क्या प्रावधान हैं?

डॉ. श्रीमाली ने बताया कि भारतीय संविधान की धारा 244 खंड 1 और खंड 2 और संविधान की धारा 275 खंड 1 में अलग-अलग मायने में बजट के आवंटन के बारे में बताया गया है. इसमें नॉर्थ ईस्ट के 7 जनजाति राज्यों में 75 फीसदी आबादी जनजाति है. साथ ही, राजस्थान की बात करें तो 13 फीसदी जनजाति आबादी है. वहीं, देश की कुल आबादी में जनजाति क्षेत्र की आबादी 9 फीसदी है. ऐसे में जो भी केंद्र का बजट जारी होता है, उसमें 9 फीसदी जनजाति क्षेत्र के लिए होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है.

बजट में अगर आवंटन हो भी जाये, तो खर्च मात्र करीब 4 फीसदी ही हो पाता है. इसमें यह भी देखना जरूरी है कि क्या यह 4 फीसदी में से भी वेतन में तो नहीं जा रहा है. अगर जितना फीसदी तय है, उतना बजट मिल जाए और बजट पूरा उपयोग में आ जाए, तो जनजाति क्षेत्र की सभी उम्मीद लगभग पूरी हो जाएगी. उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाएगी.

ये उम्मीदें पूरी हो जाएं

  • सबसे बड़ी बात है कि संविधान में लिखा हुआ है कि जनजाति क्षेत्र की आबादी के फीसदी के अनुसार बजट जारी होने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है. अगर आवंटन हो भी जाता है, तो खर्च नहीं हो पाता है.
  • बजट जारी होने से पहले छोटे गांव में बैठे ग्रामीण व्यक्ति से पूछा जाए या उसकी राय ली जानी चाहिए कि उसे क्या जरूरतें हैं. इससे खुलकर स्थिति सामने आएगी.
  • केंद्र हो या राज्य, दोनों ही जनजाति क्षेत्र के लिए बजट का आवंटन करती है, लेकिन बजट खर्च काफी कम हो पाता है. इसके पीछे का कारण ट्रेकिंग मैकेनिज्म का नहीं होना है. सरकार को ट्रेकिंग मैकेनिज्म पर ध्यान देना चाहिए, जिससे यह साफ हो कि जरूरत के आधार पर राशि खर्च हो.
  • बजट जारी होता है और खर्च भी हो जाता है, लेकिन हकीकत में विकास दिखता नहीं है. ऐसी स्थिति में जिस क्षेत्र के नाम से बजट जारी हुआ हो, उस क्षेत्र की ग्राम विकास समिति से उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी होने चाहिए. इससे पता चलेगा कि जो बजट जारी हुए हैं. क्या उसका उपयोग हुआ भी है या नहीं?
  • जनजाति क्षेत्र में आदिवासियों के जीविका का साधन मजदूरी, खेती और वन उपजे रहती है. पहले तो सरकार को ऐसे साधन उपलब्ध करने चाहिए कि उसको क्षेत्र में ही रोजगार मिल जाए. साथ ही कम से कम 300 रुपये प्रतिदिन पारिश्रमिक तय होने चाहिए. 

यह है जनजाति क्षेत्र में बजट की स्थिति

राजस्थान सरकार के जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के वार्षिक प्रशासनिक प्रतिवेदन के अनुसार आंकड़े

  • केंद्रीय सहायता: अनुसूची क्षेत्र में वर्ष 2021-22 में 7814.37 लाख रुपये रुपये, अनुमानित बजट और इसमें 589.66 लाख रुपये खर्च. वर्ष 2022-23 बजट अनुमानित 9000.19 लाख रुपये और खर्च 7224.71 लाख रुपये
  • संविधान के अनुच्छेद 275(1): अनुसूचित क्षेत्र में वर्ष 2021-22 में बजट 9991 लाख जो लगभग खर्च हुआ. 2022-23 में 11000 लाख में से 4820 खर्च हुआ.
  • केन्द्रीय प्रवर्तित योजना: टीआरआई की योजना में वर्ष 2021-22 में बजट 504.23 लाख रुपये में से कुछ भी खर्च नहीं हुआ. वर्ष 2022-23 में 362.97 लाख में से 215.34 लाख खर्च हुआ.
  • इसी में सहरिया विकास परियोजना में वर्ष 2021-22 में 781.04 लाख रुपये बजट था और 706.21 लाख रुपये खर्च हुए. वर्ष 2022-23 में बजट 1021 लाख रुपये थे और 104.38 लाख रुपये खर्च हुए.

ये भी पढ़ेंः

Budget 2023 Expectations: कल पेश होने वाला है यूनियन बजट 2023, वित्त मंत्री से राजस्थान को हैं ये उम्मीदें

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Iran Israel War Live: अमेरिका संग मिलकर अटैक की बड़ी तैयारी कर रहा इजरायल! सेना प्रमुख ने US आर्मी चीफ से की बात
अमेरिका संग मिलकर अटैक की बड़ी तैयारी कर रहा इजरायल! सेना प्रमुख ने US आर्मी चीफ से की बात
Kolhapur Murder: मां का कत्ल कर निकाला दिल, दिमाग, लिवर और किडनी, नमक-मिर्च लगाकर खा गया बेटा
मां का कत्ल कर निकाला दिल, दिमाग, लिवर और किडनी, नमक-मिर्च लगाकर खा गया बेटा
अनुपमा-अनुज को मिली बद्दुआ, जल गया शादी का कार्ड, क्या लीप से पहले एक हो पाएंगे MaAn?
अनुपमा-अनुज को मिली बद्दुआ, जल गया शादी का कार्ड, क्या लीप से पहले एक हो पाएंगे MaAn?
Dhirendra Krishna Shastri: 'हवस का मौलवी क्यों नहीं?' धीरेंद्र शास्त्री के बोलते ही भड़क गए मौलाना
'हवस का मौलवी क्यों नहीं?' धीरेंद्र शास्त्री के बोलते ही भड़क गए मौलाना
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Gandhi Jayanti: 'स्वच्छ से स्वस्थ भारत...',स्वच्छता पर बोले रेकिट इंडिया के डायरेक्टर Ravi BhatnagarIsrael-Iran War: इजराइल पर हमले के बाद ईरान की संसद में जश्न का माहौल | ABP News | BreakingIsrael-Iran War: ईरान पर इजराइल जल्द कर सकता है बड़ी कार्रवाई | ABP News | BreakingIsrael-Iran War: 'धमाकों में कोई भी घायल नहीं', दूतावास के बाहर धमाके पर डेनमार्क पुलिस का बयान |

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Iran Israel War Live: अमेरिका संग मिलकर अटैक की बड़ी तैयारी कर रहा इजरायल! सेना प्रमुख ने US आर्मी चीफ से की बात
अमेरिका संग मिलकर अटैक की बड़ी तैयारी कर रहा इजरायल! सेना प्रमुख ने US आर्मी चीफ से की बात
Kolhapur Murder: मां का कत्ल कर निकाला दिल, दिमाग, लिवर और किडनी, नमक-मिर्च लगाकर खा गया बेटा
मां का कत्ल कर निकाला दिल, दिमाग, लिवर और किडनी, नमक-मिर्च लगाकर खा गया बेटा
अनुपमा-अनुज को मिली बद्दुआ, जल गया शादी का कार्ड, क्या लीप से पहले एक हो पाएंगे MaAn?
अनुपमा-अनुज को मिली बद्दुआ, जल गया शादी का कार्ड, क्या लीप से पहले एक हो पाएंगे MaAn?
Dhirendra Krishna Shastri: 'हवस का मौलवी क्यों नहीं?' धीरेंद्र शास्त्री के बोलते ही भड़क गए मौलाना
'हवस का मौलवी क्यों नहीं?' धीरेंद्र शास्त्री के बोलते ही भड़क गए मौलाना
Watch: कौन है टीम इंडिया का 'गजनी'? खुद रोहित शर्मा ने खोला राज; जानकर चौंक जाएंगे आप
कौन है टीम इंडिया का 'गजनी'? खुद रोहित शर्मा ने खोला राज; जानकर चौंक जाएंगे आप
Prostate Cancer: जवान मर्दों पर भी मंडरा रहा है प्रोटेस्ट कैंसर का खतरा, पिता बनने का सपना हो रहा है खत्म
जवान मर्दों पर भी मंडरा रहा है प्रोटेस्ट कैंसर का खतरा, जानें होने वाली दिक्कतें
'उन्होंने जो किया है मैं उसे छू भी नहीं...' आलिया भट्ट से तुलना होने पर बोलीं अनन्या पांडे
'उन्होंने जो किया है मैं उसे छू भी नहीं...' आलिया भट्ट से तुलना होने पर बोलीं अनन्या पांडे
Weight Loss: जिम या डाइटिंग के बिना भी तेजी से घटा सकते हैं वजन, बस आज से ही खाना शुरू करते हैं ये फल, फिर देखें कमाल
जिम या डाइटिंग के बिना भी घटा सकते हैं वजन, आज से ही खाना शुरू करते हैं ये फल
Embed widget