Union Budget 2023: लोकसभा में 1 फरवरी 2023, बुधवार को साल 2023-24 के लिए बजट पेश किया जाने वाला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) लोकसभा में देश की जनता के लिए बजट पेश करेंगी. इस साल जनता को सरकार से बहुत उम्मीदें हैं. वहीं, लोग ये भी जाने के लिए उत्सुक हैं कि इस बार क्या सस्ता होगा और क्या महंगा. इस साल का बजट गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत देने वाला होगा या नहीं? यह एक बड़ा सवाल है. 
     
राजस्थान का पूर्वीद्वार कहा जाने वाले भरतपुर की सीमा दो राज्यों से लगती है. एक उत्तर प्रदेश और दूसरा हरियाणा. ताज ट्रेपेजियम जोन की गाइडलाइन और भरतपुर जिले का एनसीआर में होने की वजह से यहां औद्योगिक इकाई नहीं लग रही हैं. सरसों उत्पादन में भरतपुर पूरे राजस्थान में तीसरे नंबर पर आता है. लेकिन, यहां सरसों के तेल का उद्योग उच्च स्तर पर चलता है. भरतपुर से ही देश के कई राज्यों में सरसों का तेल भेजा जाता है.
 

  
तिलहन पर जीएसटी रिफंड की उम्मीद
तेल का व्यापार करने वाले व्यापारी भी 1 फरवरी के बजट से उम्मीद लगाए बैठे हैं. पहले तिलहन पर जीएसटी का रिफंड आता था, जो सितंबर से बंद कर दिया गया है. अब व्यापारियों को मांग है कि तिलहन का जीएसटी रिफंड फिर से शुरू किया जाए. रिफंड नहीं आने से तेल उद्योग को काफी पीछे देखा जा रहा है. अगर सरकार ने ये रिफंड शुरू नहीं किया, तो तेल उद्योग काफी पिछड़ जाएगा और बंदी की कगार पर आ जाएगा.


पूर्व अध्यक्ष चैंबर ऑफ कॉमर्स का कहना है कि भरतपुर को एनसीआर और एनजीटी से बाहर किया जाए, क्योंकि जिले को एनसीआर और एनजीटी का कोई लाभ नहीं मिल रहा है. जिले में भरतपुर उद्योग धंधे पनप सकें, इसलिए ये मांग उठाई जा रही है.


क्या कहते हैं चार्टड अकाउंटेंट?
चार्टड अकाफंटेंट अतुल मित्तल ने पहली फरवरी को पेश होने वाले बजट को लेकर कहा है कि केंद्र सरकार का बजट न केवल उद्योगपतियों, बल्कि सामान्य व्यापारियों और सामान्य शहरी क्लास के जो लोग हैं, उनके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. केंद्र के बजट से लोगों को बहुत उम्मीद रहती हैं. जीएसटी के जो प्रावधान हैं, उसमें आरसीएम का प्रावधान नया डाला है. इसमें व्यापारियों से कोई तकनीकी भूल हो गई है या फिर उस लॉ की व्यापारी को जानकारी नहीं तो उसपर बहुत बड़ी पैनाल्टी लगाई जाती है. 


इसमें राजस्व की कोई हानि नहीं होने पर भी सरकार के नियम कठिन हैं. आरसीएम के नियमों में बहुत सुधार की जरूरत है. इसके अलावा, इनकम टैक्स की जो छूट है, वह पिछले पांच साल से समांतर चली आ रही है. ढाई लाख रुपये पर टैक्स की छूट बहुत कम है. आज कोई भी गरीब आदमी भी अगर ढाई लाख रुपये साल में नहीं कमा पाएगा, तो घर का खर्च नहीं चला पाएगा. इसलिए इस छूट को कम से कम पांच लाख रुपये करना चाहिए.


बजट से महिलाओं को हैं ये उम्मीदें 
वित्त मंत्री जो यूनियन बजट 2023-24 पेश करने वाली हैं, उससे महिलाओं को काफी उम्मीद है. महिलाओं का कहना है कि रसोई गैस सस्ती होनी चाहिए. मंगाई की वजह से रसोई का बजट गड़बड़ा रहा है. पहले गैस सिलेंडर 800 रुपये तक आता जाता था, जो अब 1000 से भी ऊपर हो गया है. दूध, दही सभी कुछ महंगा है. वित्तमंत्री को मध्यमवर्गीय परिवार और महिलाओं की प्रतिदिन की जरूरतों को देखते हुए ऐसा बजट पेश करना चाहिए जिससे महिलाएं अपनी रसोई को आसानी से चला सकें.


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