Bundi News: बूंदी के हिंडोली कृषि मंडी की बदलेगी तस्वीर, मॉर्डन टॉयलेट सहित मिलेंगी कई सुविधाएं
बूंदी में 2 करोड़ 70 लाख की लागत से हिंडोली कृषि मंडी की तस्वीर बदलनेवाली है. सीएम अशोक गहलोत ने बजट में हिंडोली कृषि मंडी के विकास की घोषणा की थी. अब किसानों और व्यापारियों की परेशानी दूर होगी.
Bundi News: बूंदी में हिंडोली कृषि मंडी की तस्वीर बदलनेवाली है. मंडी के विकास के लिए सरकार ने 2 करोड़ 70 लाख स्वीकृत किए हैं. मंडी में धीरे-धीरे आधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जाना है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में हिंडोली कृषि मंडी के विकास की घोषणा की थी. 2 करोड़ 70 लाख का बजट स्वीकृत कर घोषणा को अब अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरू हो गई है. योजना के अनुसार मंडी परिसर में करीब 300 मीटर लंबी डामर सड़क, आधुनिक लेबर और आधुनिक टॉयलेट का भी निर्माण कराया जाना है. किसानों और व्यापारियों की परेशानी को देखते हुए तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
कृषि उपज मंडी के लिए राशि मंजूर
कृषि उपज मंडी के सहायक अभियंता आरएस गुप्ता ने बताया कि कृषि मंडी में व्यापारियों के लिए दुकान आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मंडी परिसर में सड़कों का निर्माण होने से व्यापारियों को धूल मिट्टी से निजात मिलेगी. पूर्व में करोड़ों रुपए खर्च कर मंडी की चारदीवारी, प्लेटफार्म का निर्माण करवाया जा चुका था लेकिन अन्य आधुनिक सुविधाओं के विस्तार की मांग बरकरार थी. सरकार की तरफ से राशि जारी की गई है. राशि खर्च होने के बाद कृषि मंडी प्रदेश की अन्य मंडियों की तरह किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी.
45 साल से लावारिस पड़ी थी मंडी
जानकारी के अनुसार बूंदी मुख्यालय पर राजस्थान की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी है. मंडी में प्रदेश सहित मध्यप्रदेश के किसान उपज लेकर आते हैं. बूंदी जिले में धान की आवक ज्यादा होती है. हिंडोली में पिछले 45 वर्ष से कस्बे की मंडी लावारिस हाल में पड़ी थी. मंडी को अस्तित्व में लाने के लिए क्षेत्रीय विधायक और राज्य मंत्री अशोक चांदना ने भरपूर प्रयास किए. पहले फेज में 3 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत करवा कर मंडी का निर्माण करवाया. अब दूसरे फेज में पौने तीन करोड़ का बजट स्वीकृत करवा कर मंडी को आधुनिक मंडी का दर्जा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. राज्य मंत्री अशोक चांदना ने एबीपी न्यूज को बताया कि चार दशक बाद कृषि मंडी की कायाकल्प होने लगी है. स्वीकृत राशि से मंडी परिसर में सड़कें, लेबर शेड आदि का निर्माण करवाया जाएगा.
स्थानीय किसानों को होगा फायदा
हिंडोली निवासी किसान जितेंद्र कुमार और ग्यारसी लाल ने बताया कि लंबे समय से मंडी बनी हुई थी लेकिन इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था. लेकिन अब मंडी बन जाने से हम उपज बेच सकेंगे. पहले बूंदी जाकर 25 किलोमीटर दूर उपज बेचनी पड़ती थी. वैसे ही फसल के दाम कम मिलते थे ऊपर से पेट्रोल-डीजल का खर्च अलग होता था. वाहन की सुविधा से वंचित किसान किराए की ट्रैक्टर ट्रॉली से फसल को भेजता था. लेकिन मंडी बन जाने से हमारा भाड़ा बचेगा. मंडी खुल जाने से हम कभी भी फसल को बेच सकेंगे. बूंदी की बड़ी मंडी में किसानों का कई दिनों तक उपज खरीदने में नंबर तक नहीं आता है.