Bundi News: राजस्थान में 2 दिन से लगातार हुई बरसात ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. हाडोती क्षेत्र के चारों जिलों में धान, सोयाबीन, उड़द, मक्का समेत अन्य फसलों में 30 से 60 फीसदी फसलें चौपट हो गई है. उधर राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टर को बेमौसम बारिश से खराब हुई फसलों का सर्वे करवाकर उचित मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं. वहीं किसानों का दर्द जाने के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया बूंदी जिले के गुडला गांव के किसानों से मिले जहां उनका हाल जाना.


किसान जानकीलाल की मक्का की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई, जहां किसान जानकीलाल ने प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को नुकसान की जानकारी देते हुए बताया कि 2 दिनों तक हुई बरसात से भारी नुकसान हुआ है. पूरी फसले आड़ी पड़ चुकी है. नुकसान का आकलन करने व मुआवजा देने की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है.


 किसान जानकी लाल ने बताया कि बूंदी के ही किसान भौंरीलाल नायक को आंधी तूफ़ान के कारण क्षतिग्रस्त मकान की भरपाई भी अभी तक नहीं हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि आपदा प्रबंधन का सहयोग भी अभी तक नहीं मिला है. यहां का किसान प्राकृतिक आपदा की मार के साथ साथ कांग्रेस सरकार की उपेक्षा और अनदेखी का दर्द भी झेल रहा है. 


मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर देंगे जानकारी - पूनिया


बता दें कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कोटा -बूंदी व चित्तौड़गढ़ जिले के दौरे पर थे. जहां उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों की बैठक ली. दौरे के दौरान जब लगातार बरसात हुई और फसल खराबे की सूचना लगी तो वह किसानों से मिलने के लिए पहुंच गए. बूंदी जिले के गुडला गांव के किसानों से बातचीत की,  जहां किसानों ने उन्हें कई समस्याओं से अवगत करवाया.


गुडला गांव के किसान जानकीलाल ने तो यह तक कह दिया कि अब हमारे पास कुछ नहीं बचा है. बचा है तो बस एक आत्महत्या ही बची है. इस पर सतीश पूनिया ने किसान जानकीलाल से समझाइस की और कहा कि आत्महत्या करना कोई समाधान नहीं है. शरीर रहेगा तो और मेहनत कर इस नुकसान को कवर किया जा सकेगा.


उन्होंने किसानों का आश्वासन दिया कि उनकी यह मांगे वह मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे और पत्र लिखकर उन्हें उचित मुआवजा दिलवाएंगे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा कि एक तरफ जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों के साथ सरोकार रखने की बात करते हैं वहीं उसी प्रदेश के किसानों की क्या हालत है यह उन्होंने खुद बयां कर दिया.  
 
कृषि विभाग ने 5 हजार हेक्टेयर का नुकसान माना


कृषि विभाग ने धान में 5 हजार हैक्टेयर में नुकसान अनुमान बताया है.  एक हैक्टेयर में 42 क्विंटल धान की औसतन पैदावार होतो है.  धान का बाजार भाव 3200 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है.  इस हिसाब से धान में 67 करोड़ 20 लाख का नुकसान हुआ.  मक्का में 13 हजार 835 हैक्टेयर में नुकसान माना है.  इसमें भी 1 हैक्टेयर में 42 क्विंटल की पैदावार होती है.


मक्का का बाजार भाव 2 हजार रुपए है, यानी कि 1 अरब 16 करोड़ 21 लाख 40 हजार का नुकसान मक्का में हुआ है. इसी प्रकार उड़द में सरकारी नुकसान 25820 हैक्टेयर में नुकसान माना है. एक हैक्टेयर में 15 क्विंटल पैदावार होती है. उड़द का भाव 6 हजार रुपए है, इस हिसाब से 2 अरब 32 करोड़ 38 लाख रुपए का खराबा हुआ.


सोयाबीन में विभाग ने 15320 नुकसान का आकलन किया है. एक हैक्टेयर में 18 क्विंटल पैदावार मिलती है, भाव 4800 रुपए है. इसके हिसाब से 1 अरब 32 करोड़ 36 लाख 48 हजार की फसल खराब हुई. विभाग ने तिल्ली में 720 हैक्टेयर में नुकसान माना है. एक हैक्टेयर में 5 क्विंटल पैदावार होती है. बाजार भाव 9 हजार रुपए है. इस हिसाब से 3 करोड़ 24 लाख रुपए तिल्ली में नुकसान हुआ है.  सभी फसलों में जिलेभर का नुकसान का आंकड़ा 5 अरब 51 करोड़ 39 लाख 88 हजार रुपए हो रहा है. 


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