(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
RTH Bill Protest: बूंदी कलेक्टर ने जिला अस्पताल में मरीजों का किया इलाज, CM गहलोत ने तारीफ में किया ट्वीट
बूंदी जिला अस्पताल में मरीजों का इलाज करनेवाले कलेक्टर की मुख्यमंत्री अशोक (Ashok Gehlot) ने तारीफ की है. डॉक्टरों की हड़ताल के बीच कलेक्टर ने प्रशासनिक काम करते हुए दोहरी जिम्मेदारी निभाई.
RTH Bill Protest: राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निजी प्राइवेट डॉक्टर के साथ दो घंटे सरकारी अस्पतालों में भी कार्य बहिष्कार किया जा रहा है. ऐसे में मानवता की मिसाल पेश करते हुए बूंदी कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने मरीजों का इलाज किया. उन्होंने जिला अस्पताल के ट्रोमा सेंटर और इमरजेंसी में बैठकर मरीजों को सेवाएं दीं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आईएएस डॉक्टर रविंद्र गोस्वामी की मानव सेवा को सराहा है.
यूपीएससी में चयनित होने से पहले रविन्द्र गोस्वामी डॉक्टर रह चुके हैं. बूंदी कलेक्टर ने पुराने अनुभव और मानव सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हुए डॉक्टरों के लिए भी उदाहरण पेश किया. साथ ही प्रशासनिक कार्यों का निर्वहन करते हुए दोहरी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया.
कलेक्टर ने 50 से ज्यादा मरीजों को दी सेवा
वर्तमान में डॉक्टों की हड़ताल से मरीजों को इलाज में होनेवाली असुविधा दूर करने के सभी वैकल्पिक इंतजाम प्रशासन ने किए हैं. मानवता के पवित्र कार्य में कलेक्टर भी पीछे नहीं रहे. सुबह जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर पहुंचकर मरीजों को सेवाएं दीं. ट्रामा सेंटर में मरीज डॉक्टर से इलाज कराने के लिए बारी का इंतजार कर रहे थे. मरीजों की सेवा में जुटे कलेक्टर ने बीमारी के अनुसार दवाइयां लिखीं. उन्होंने करीब 50 से अधिक मरीजों को पुराने अनुभव का लाभ पहुंचाया.
ऐसे ही सेवाभाव व समर्पण से चिरंजीवी हो रहा है राजस्थान। डॉ रविन्द्र गोस्वामी, आपका ये जज़्बा प्रशंसनीय है। https://t.co/tSPl66Vi5z
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 29, 2023
प्रशासनिक काम के साथ दोहरी जिम्मेदारी
कलेक्टर नेडॉक्टरों को नसीहत भी दी. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को बात रखने के साथ मरीजों को इलाज में होनेवाली परेशानी का भी ख्याल रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि आगे भी जरूरत के अनुसार आमजन को सेवाएं देंगे. कलेक्टर ने बताया कि डॉक्टर हर साल अपने लाइसेंस का नवीनीकरण भी करवाते हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर पीड़ित मानव की सेवा की जा सके. इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि ओपीडी में आने वाले गंभीर बीमारी से ग्रसित रोगियों का प्राथमिकता से इलाज किया जाए.