(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bundi News: बूंदी में लगातार बारिश से बाघिन टी-102 की आजादी में देरी, इस वजह से ट्रेकिंग में बढ़ी परेशानी
Vishdhari Tiger Reserve: राजस्थान के बूंदी रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के एनक्लोजर में दहाड़ रही बाघिन टी-102 को बाहर निकालने में बाढ़-बारिश रोड़ा बनी हुई है.
Tigress T-102 News: राजस्थान (Rajasthan) के बूंदी (Bundi) रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के एनक्लोजर में दहाड़ रही बाघिन टी-102 को बाहर निकालने के लिए बाढ़-बारिश रोड़ा बनी हुई है. लगातार बारिश होने से मेज नदी उफान पर है और यह नदी रामगढ़ अभ्यारण के बीचों-बीच होकर निकलती है. नदी उफान पर होने के कारण वन विभाग के अधिकारी बाघिन को आजाद नहीं कर पा रहे हैं. विभाग द्वारा मौसम साफ होने का इंतजार किया जा रहा है. हालांकि वाइल्ड लाइफ ने सभी तैयारी पूरी कर रखी है. लगातार चल रही बारिश से बाघिन की एनक्लोजर से आजादी में देरी होती जा रही है. विभाग द्वारा आजाद करने के बाद बाघिन की मॉनिटरिंग के लिए 3-3 कर्मचारियों की 3 टीमें गठित की है. जो दिन-रात बाघ और बाघिन दोनों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
यह टीमें अपने अपने क्षेत्र में 8-8 घंटे की ड्यूटी देंगे. इसके अलावा एक टीम रिजर्व में भी रखी गई है. जबकि रणथंभौर टाइगर रिजर्व से बाघिन टी-102 को बूंदी रामगढ़ लाए हुए 40 दिन हो गए हैं. बाघिन पूरी तरह से स्वस्थ है, डॉक्टर नियमित रूप से उसका स्वास्थ्य की जांच कर कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि बाघिन अंदर शिकार भी कर रही है. जबकि दो सालों से घूम रहे टाइगर टी-115 का भी एनक्लोजर के आसपास मूवमेंट होने से राहत की खबर है.
मेज नदी में चल रहा है उफान, ट्रेकिंग में परेशानी
वन विभाग के डीसीएफ संजीव शर्मा ने बताया कि बारिश के दिनों में सभी जंगलों में प्रे-बेस ऊंचाई वाले स्थानों पर चले जाते हैं. वहीं कच्चे रास्ते भी कीचड़ में हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में प्रे-बेस को भी बरसात के दिनों लाना संभव नहीं है. मौसम साफ होने ओर मेज नदी का जलस्तर कम होते ही बाघिन को एनक्लोजर से बाहर निकाल दिया जाएगा. इसको लेकर हमने सभी तैयारी पूरी की हुई है. डीसीएफ संजीव शर्मा ने बताया कि रामगढ़ टाइगर रिजर्व की लाइफ लाइन मेज नदी को कहा जाता है. इन दिनों लगातार चल रही बारिश के चलते उफान पर है. ऐसे में टीमों को ट्रैकिंग करने में भी काफी परेशानी आ रही है.
शहर का शंभू सागर लबालब होने के बाद पानी टाइगर रिजर्व के दलेलपुरा एंट्री गेट तक पहुंच गया है. इसी तरह खटकड़ नाके का बारमाता मंदिर मेज नदी में आए उफान के चलते डूब गया है. नदी में पानी की अधिक आवक के चलते वाइल्ड लाइफ कर्मचारी ट्रैकिंग नहीं कर पा रहे हैं. वहीं बाघ की ताजा लोकेशन को तलाशने में भी काफी परेशानी आ रही है, क्योंकि बरसात के चलते बाघ के पगमार्क धुल जाते हैं.
प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व है रामगढ
रामगढ़ सेंचुरी में टाइगर टी-115 मौजूद है. दो साल पहले बजट सत्र में सीएम अशोक गहलोत ने बूंदी में चौथा टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा की थी. टाइगर रिजर्व के लिए 1050 स्क्वायर किमी का एरिया प्रस्तावित किया गया है. टाइगर रिजर्व बूंदी जिले के लिए बहुत बड़ी सौगात थी. इसके लिए प्रपोजल सरकार के पास मार्च में भिजवाए गए थे. जानकारी के अनुसार 1982 में बूंदी का रामगढ़ अभ्यारण के नाम से जाने जाने लगा. कुल अभयारण्य 800 वर्ग किमी में फैला हुआ है. एक तरफ रणथंभोर है तो दूसरी तरफ मुकुंदरा टाइगर रिजर्व है.
रामगढ़ में अक्टूबर से शुरू होगी सफारी, जंगल सफारी के लिए मार्ग तय
दिवाली से पहले सम्पूर्ण हाड़ौती को पर्यटन के क्षेत्र में बड़ा तोहफा मिल सकता है. बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में अक्टूबर से जंगल सफारी प्रारंभ हो सकती है. रामगढ़ में सफारी के लिए मार्ग तय कर लिए गए हैं. बाघ आने तथा सफारी के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी करने के बाद अक्टूबर में दोनों ही जगह सफारी प्रारंभ करने के प्रयास किए जा रहे हैं. बूंदी रामगढ़ अभ्यारण में नीलगाय, सियार, हिरण, भालू, हाईना, जंगली कुत्ते, चीतल, सांभर, जंगली बिल्लियां, तेंदुए, लंगूर, सांप, मगरमच्छ सहित 500 प्रकार के वन्य जीव मौजूद हैं. रणथंभौर से ज्यादा खूबसूरत बाघो के प्रजनन के लिए ग्रास लैंड है.