Bundi Har Ghar Tiranga Campaign: आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं, ऐसे में देश में अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मनाया जा रहा है. इसके तहत हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga Campaign) की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. अभियान 13 से 15 अगस्त तक चलेगा. इधर राजस्थान (Rajasthan) के बूंदी (Bundi) जिले में 3 लाख से ज्यादा घर हैं, जहां तिरंगा लगाए जाने का लक्ष्य है. प्रशासन ने हर ग्रामीण स्तर से लेकर शहरी क्षेत्र में टीम लगाकर तिरंगा वितरित करने का काम किया जा रहा है.


वहीं इस अभियान के दौरान तिरंगे का अपमान न हो, इसके लिए प्रशासन की ओर से हर घर कैसे तिरंगा लहराना है और अभियान के बाद का क्या करना है, यह सब लोगों को बताया जा रहा है. हर घर अभियान के दौरान एक सप्ताह तक तिरंगा फहराया जाएगा. इसके बाद तिरंगे का क्या करना है और अगर राष्ट्रीय ध्वज कट-फट जाता है या गंदा हो जाता है, उस स्थिति में क्या करना है, सब नियम अधिकारी घर-घर जाकर तिरंगा वितरण करने के दौरान बता रहे हैं.


झंडा अधिनियम में हुआ है संशोधन


हालांकि, सरकार ने हाल में ही झंडा अधिनियम में संशोधन किया है. इसके मुताबिक अब निजी भवनों पर से रात में तिरंगा उतारने की जरूरत नहीं है, जबकि सरकारी भवनों के लिए यह नियम लागू रहेगा, जहां उन्हें ध्वज उतारना है. राष्ट्रीय ध्वज खादी, कॉटन, रेशम, पॉलिएस्टर से निर्मित हो सकता है. ध्वज इस तरह फहराया जाए कि केसरिया रंग सबसे ऊपर हो, राष्ट्रीय ध्वज पर पेन- पेंसिल या स्केच पेन से कुछ भी नहीं लिखा हो. फटा या क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया जाना चाहिए.


ये भी पढ़ें- Independence Day: 13,500 महापुरुषों के नाम पर बनी Dictionary of Martyrs, 5 खंडों में छपी इस डिक्शनरी की ये है खास बात


झंडा फहराने को लेकर इस बात का रखें ध्यान


पूरे देश के साथ ही बूंदी जिले में राष्ट्रीय ध्वज इस तरह फहराएं ताकि जमीन, बहते पानी को न छुए. सिंगल मस्ट (एक ही डंडे) पर फहराना चाहिए, जिस पर दूसरा कोई झंडा नहीं फहराए, न ही हाफ मस्ट (आधे डंडे) पर फहराया जाए, यह ध्यान रखा जाए कि झंडा फहराने से कोई व्यावसायिक लाभ लेने की स्थिति निर्मित नहीं हो रही, राष्ट्रीय ध्वज क्षतिग्रस्त होने, गंदा होने, अभियान समाप्त होने के बाद सार्वजनिक स्थल पर या ऐसे स्थान पर नहीं फेंका जाए. राष्ट्रीय ध्वज हर घर तिरंगा अभियान समाप्त होने पर निजी तौर पर धोकर और सहेजकर घर में ही सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए.


ध्वज के सम्मान में होने वाली भूल पर तीन साल की सजा का प्रावधान


ध्वज संहिता 2002, राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला और सेशन न्यायाधीश सुनील कुमार यादव ने बताया कि पूरे गांव में घूमकर लोगों को 13 से 15 अगस्त को अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित किया जाए. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के प्रति उसी तरह का श्रद्धा भाव हमारे मन में हो, जैसा हम अपने धर्मग्रंथ के प्रति रखते हैं. ध्वज के सम्मान में होने वाली भूल पर 3 साल तक सजा का प्रावधान है. हमारा दायित्व है कि राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के साथ उसके गौरव और मर्यादा का ध्यान रखें.


छात्र-छात्राओं ने तिरंगा रैली निकालकर लोगों को किया जागरूक


राष्ट्रीय ध्वज को जलाना, उस पर कुछ लिखना, उसके किसी भी भाग का विलोपन, उसे सजावट के लिए या गणवेश के रूप में प्रयोग करना स्पष्ट रूप से वर्जित है. किसी भी स्थिति में राष्ट्रीय ध्वज जमीन से छूना नहीं चाहिए, दूसरे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर या ऊंचा नहीं लगाया जाए. वहीं जिले के माटूंदा इलाके में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में गाइड कैप्टन उम्मे हबीबा राठौड़ के नेतृत्व में इको क्लब के छात्र-छात्राओं ने तिरंगा रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया. साथ ही, 75वें आकार में छात्र-छात्राओं ने मानव श्रृंखला बनाकर आजादी के अमर शहीदों को याद किया. छात्र-छात्राओं ने गर्म जोशी के साथ भारत माता की जय के नारे लगाए.


ये भी पढ़ें- Independence Day: बूंदी के इस क्रांतिकारी ने अंग्रेजों के छुड़वाए थे पसीने, अंग्रेज हुक्मरान की गोली से हुए थे शहीद