Bundi District History: राजस्थान से कई राजनेता देश के सर्वोच्च पदों पर सुशोभित हुए हैं. वर्तमान में एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार जगदीप धनखड़ हैं. बूंदी जिले के नेताओं ने राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान बनाने में सफलता पाई है. लोकसभा अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष सहित राज्य की विभिन्न सरकारों में बूंदी के नेता मंत्री  रहे चुके हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा, गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना, विधायक रामनारायण मीणा, अशोक डोगरा, बाबूलाल वर्मा, दिवंगत नेता ब्रज सुंदर शर्मा, हरिमोहन शर्मा जैसे नेताओं ने बूंदी में छात्र राजनीति से सफर की शुरुआत कर ऊंचे मुकाम पर पहुंचे. 


लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला


कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद चुने गए ओम बिरला वर्तमान में लोकसभा के अध्यक्ष हैं. बिरला छात्र राजनीति से उभरे और 1979 में कोटा महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष बने. उन्होंने 2003 में कोटा (दक्षिण) सीट से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में पहला विधानसभा चुनाव जीता. बिरला की जीत का रथ 2008 में भी जारी रहा. 2013 में एक बार फिर तीसरी बार विधायक चुने गये.  राजस्थान की वसुंधरा सरकार में संसदीय सचिव का दायित्व निभाया. जनाधार देखते हुए बीजेपी ने बिरला को कोटा-बूंदी क्षेत्र से 16वीं और 17वीं लोकसभा के लिए मैदान में उतारा. बिरला दोनों बार लाखों वोट से जीत दर्ज कर सांसद पहुंचे. पार्टी ने दूसरी बार संसद सदस्य बनने पर लोकसभा स्पीकर बनने का अवसर दिया. वर्तमान में बिरला 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष बनाए गए हैं. बिरला का जन्म 23 नवंबर 1962 को बूंदी जिले के टिकरिया गांव में हुआ था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की दो बेटियां हैं. एक बेटी अंजलि बिरला आईएएस अधिकारी है. लोकसभा अध्यक्ष होने के नाते अहम बिलों को संसद से पास करवाने और संसद की कार्यवाही चलाने में अहम भूमिका है. 


राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा 


बूंदी से दो बार विधायक रह चुकीं ममता शर्मा राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. ममता शर्मा चार बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं. दो बार के चुनाव में जीत मिली है और दो बार हार का मुंह देखना पड़ा. वर्ष 1998 और 2003 में कांग्रेस के टिकट पर बूंदी की विधायक ममता शर्मा बनीं. वर्ष 2011 से 14 के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष का दायित्व संभाला. ममता शर्मा राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के दौरान महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर जमकर बयानबाजी की. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बेटे को टिकट नहीं मिलने से नाराज ममता शर्मा ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. कांग्रेस ने ममता की जगह बूंदी से हरिमोहन शर्मा को मैदान में उतारा था. बीजेपी में आने के बाद ममता शर्मा ने कोटा के पीपल्दा से चुनाव लड़ा. चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामनारायण मीणा से हार का मुंह देखना पड़ा था. 


खेल मंत्री अशोक चांदना


गहलोत सरकार मंत्रिमंडल में अशोक चांदना खेल मंत्री हैं. चुनाव में लगातार दो बार जीत दर्ज कर विधायक बने हैं. बूंदी जिले के हिंडोली विधानसभा से विधायक हैं. वर्ष 2013 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में कोटा संभाग की अकेली कांग्रेस की सीट पर पहली बार अशोक चांदना ने जीत दर्ज की. वर्ष 2018 में हुए चुनाव में अशोक चांदना भारी मतों से विजयी बने और गुर्जर नेता के तौर पर गहलोत मंत्रिमंडल में खेल मंत्री बने. मंत्री अशोक चांदना का जन्म बूंदी में 13 अक्टूबर 1982 को हुआ. राजनीति की शुरुआत यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनकर की. खेल मंत्री अशोक चांदना को बेबाक अंदाज के लिए जाना जाता है. उन्होंने कुछ दिनों पूर्व गहलोत सरकार में इस्तीफे की पेशकश करते हुए ब्यूरोकेसी को हावी बताया था.  


विधायक रामनारायण मीणा


विधायक रामनारायण मीणा कांग्रेस से 4 बार विधायक और एक बार विधानसभा उपाध्यक्ष चुने गए हैं. मीणा का जन्म बूंदी जिले के रायथल ग्राम में 1 अगस्त, 1943 को हुआ था. रामनारायण ने स्नातक और एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त की है. नौवीं, दसवीं, और बारहवीं विधानसभा के सदस्य बने. 1998-99 में मीणा बारहवीं लोकसभा के सांसद भी रहे. ग्रामोत्थान एवं समाजसेवा के कामों में भी रामनारायण रुचि रखते हैं. राजस्थान की 14वीं विधानसभा में पीपल्दा से विधायक चुने गये रामनारायण मीणा को एसटी नेता होने के बावजूद कांग्रेस सामान्य सीट से टिकट देती आई है. विधायक रामलाल मीणा राजस्थान सरकार के खिलाफ कई बार तीखी बयानबाजी से सुर्खियों में छाए रहे हैं. 


बाबू लाल वर्मा भी रहे राज्यमंत्री


वसुंधरा सरकार में बाबूलाल वर्मा दो बार राज्यमंत्री के तौर पर बूंदी का प्रतिनिधि करते हुए नजर आए. बाबूलाल वर्मा बूंदी जिले के तहसील केशवराय पाटन एससी सीट से जीत कर वसुंधरा सरकार मंत्रिमंडल में खाद्य आपूर्ति और परिवहन मंत्री बने हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में बारां जिले से चुनाव बुरी तरह हार गए थे. बाबूलाल वर्मा का जन्म बूंदी जिले के लाखेरी में 15 जनवरी 1955 को हुआ था. पूर्व मंत्री बाबूलाल वर्मा बीजेपी संगठन में कई पदों पर भी रहे हैं. छात्र राजनीति से शुरुआत कर प्रदेश की राजनीति में कदम रखा. 


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लगातार 3 बार विधायक बने डोगरा


बूंदी विधानसभा से बीजेपी के टिकट पर अशोक डोगरा वर्ष 2008, 2013 और 2018 से लगातार विधायक बनते हुए आ रहे हैं. डोगरा की बेदाग छवि और सादगी शहर के लोगों को पसंद आती है. विधायक अशोक डोगरा वसुंधरा के काफी करीबी माने जाते रहे हैं. बूंदी शहर से विधायक अशोक डोगरा विवादों में भी रहे हैं. विवादित बयान और अधिकारियों को धमकाने के मामले पर सुर्खियों में रहे. डोगरा का जन्म पंजाब के छोटे से गांव रोपड़ में 28 फरवरी 1953 को हुआ था. परिवार के साथ कोटा पहुंचे और उन्होंने कृषि क्षेत्र में ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी की. अशोक डोगरा ने पार्टी में मामूली कार्यकर्ता से राजनीति की शुरुआत की और आज बूंदी से लगातार तीन बार विधायक हैं.  


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