Bundi: राजस्थान के बूंदी में भड़काऊ बयान देने वाले मौलाना मुफ्ती नदीम अख्तर एक फिर चर्चाओं में हैं. बकरीद के मौके पर नमाज अदा होने के बाद मौलाना मुफ्ती नदीम अख्तर ने नवनियुक्त जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी, एसपी जय यादव को गुलदस्ता भेंट किया. इस दौरान विभिन्न प्रशासनिक अधिकारी व समाज के लोग मौजूद रहे. गुलदस्ता देने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तरह-तरह के सवाल भी उठने लगे.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एसपी कलेक्टर गुलदस्ता लेते हुए तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा कि ऐसी तस्वीरों के बाद कैसे मान लें कि राजस्थान सरकार ने प्रशासन को तुष्टीकरण के काम में नहीं लगा रखा. अजमेर के 'धमकीबाज' को पुलिस अफसर द्वारा सजा से बचने का तरीका सिखाया जा रहा था तो सरेआम मारने काटने की घोषणा करने वाले बूंदी के के धमकीबाज से कलेक्टर एसपी का याराना दिख रहा है. यह फूल बुके किस बात के लिए स्वीकार किए जा रहे हैं, यह कौन सा सरहद पर बहादुरी दिखाकर लौटा है?
दरअसल, बकरीद के मौके पर बूंदी के मीरा गेट पर मौलाना मुफ्ती नदीम अख्तर द्वारा सैकड़ों मुस्लिम समाज के लोगों को नमाज अदा करवाई थी. इसके बाद प्रशासन परंपराओं के अनुसार सभी समाज के लोगों से ईद की बधाई देने के लिए पूछा था, तभी मौलाना मुफ्ती नदीम अख्तर ने कलेक्टर एसपी का स्वागत करते हुए उन्हें बुके भेंट किए.
बता दें कि राजस्थान के अजमेर में खादिम की गिरफ्तारी के दौरान अजमेर के डीएसपी ने खादिम को नशे की बात बोलने को कहा था. इसका वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. बीजेपी ने राज्य पुलिस पर सवालिया निशान उठाए थे.
3 जून को बूंदी जिला कलेक्ट्रेट पर नूपुर शर्मा के विरोध में मुस्लिम समाज प्रदर्शन करने पहुंचा था, जहां मुफ्ती नदीम अख्तर और उनके साथी मोहम्मद आलम रजा ने भड़काऊ बयान दिया था. इस पर कोतवाली थाना पुलिस ने 28 जून को मीरा गेट इलाके से दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया था. दोनों मौलानाओं के खिलाफ कोतवाली थाने में धारा 153A, धारा 153 B, आईपीसी 295 के तहत मामला दर्ज था. फिर 27 दिन बाद दोनों को कोतवाली थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने दोनों को 14 दिन के लिए जेल पर भेज दिया था. मौलाना मुफ़्ती नदीम और साथ मौलाना की अगले 24 घंटे के बाद ही जमानत हो गयी.