Bundi News: बूंदी जिले में पोक्सो कोर्ट (Pocso Court) के फैसले की चर्चा चारों ओर हो रही है. अदालत में नाबालिग ने रेप के आरोपी को पहचानने से इंकार कर दिया. इंकार के बावजूद अदालत ने आरोपी को 20 साल की सजा और 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. आरोपी बनवारी लाल मीणा को सजा दिलाने में मेडिकल रिपोर्ट की अहम भूमिका रही. मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने आरोपी को कड़ी सजा सुनाई. नाबालिग से रेप के बाद पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ था. पुलिस के सामने पीड़िता ने 164 में बयान दिया.


कोर्ट में रेप पीड़िता का बयान से मुकरना नहीं आया काम


बयान में पीड़िता ने आरोपी बनवारी लाल के बारे में बताया. उसने पुलिस से कहा कि बनवारी लाल अपने एक दोस्त सोनू के साथ मिलकर अपहरण किया. अपहरण के बाद मोटरसाइकिल पर बिठाकर थोड़ी दूरी पर एक सूने मकान में ले गया. पीड़िता के मुताबिक सूने मकान में बनवारी लाल ने रेप किया जबकि आरोपी का साथी सोनू बाहर पहरा दे रहा था.


हिंडोली पुलिस उपाध्यक्ष और सर्किल ऑफिसर श्यामसुंदर विश्नोई ने शुक्रवार को बताया कि पीड़िता के परिजनों ने बनवारी लाल मीणा से समझौता कर लिया था. समझौता होने के चलते पीड़िता अदालत में बयान से मुकर गई और आरोपी को पहचान करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जांच में वैज्ञानिक साक्ष्य की रिपोर्ट निर्णायक साबित हुई. अदालत ने पीड़िता की संबंधित फॉरेंसिक रिपोर्ट देखी और रिपोर्ट के आधार पर दोषी ठहराया. उन्होंने बताया कि सबूतों के अभाव में सोनू को आरोप से बरी कर दिया गया है. 


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