Bundi News: राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व बने बूंदी के रामगढ़ अभयारण्य में एक और खुशखबरी सामने आई है. यहां जिले के सखावदा घाटी के पास एक और टाइगर का मूवमेंट देखा गया है. मूवमेंट होने से वन विभाग ने ट्रैकिंग के लिए टीम भेजी है. दरअसल 2 साल पहले भी इसी रास्ते से टी 115 रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में पंहुचा था जो अभी तक बूंदी के रामगढ़ टाइगर रिजर्व में ही मौजूद हैं. ऐसे में लगातार टाइगर के मूवमेंट बढ़ने से टाइगर को रामगढ़ अभयारण्य रास आने लगा है.
हाल ही शिफ्ट हुई बाघिन
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व रणथम्भौर के जंगल के बिल्कुल नजदीक है. रणथंभौर अभयारण्य में टाइगर्स के बढ़ते दबाव व संघर्ष के चलते वहां से टाइगर बूंदी के रामगढ़ की तरफ रुख करने लगे हैं. चौथा टाइगर रिजर्व बनने के बाद रामगढ़ गिरधारी टाइगर रिजर्व में 16 जुलाई को वन विभाग द्वारा रणथंबोर से टी 102 बाघिन को शिफ्ट किया गया है. जबकि टी 129, टी 110 का मूवमेंट भी बार बार बूंदी की तरफ बढ़ रहा है.
मूवमेंट की पहचान में जुटा विभाग
वन विभाग के सूत्रों की मानें तो यह टाइगर टी 115 की राह पकड़ कर टाइगर रिजर्व पहुंच सकता है. अगर ऐसा हुआ तो बूंदी रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को खुद ही दो टाइगर मिल जाएंगे. हालांकि वन विभाग की टीम लगातार मूवमेंट होने से इसकी पहचान करने में जुटी हुई है. वहीं दूसरी ओर रणथंबोर टाइगर रिजर्व से शिफ्ट की बाघिन टी 102 एंक्लोजर में पूरी तरह से स्वस्थ हैं और रामगढ़ के जंगलों का माहौल देख रही है.
की जा रही बाघिन की मॉनिटरिंग
बाघिन की हर पल निगरानी की जा रही है. उसकी गतिविधियों को देखा जा रहा है, साथ ही उसके व्यवहार का भी निरीक्षण किया जा रहा है. इसके लिए वन विभाग की टीम एनक्लोजर में बाघिन की मॉनिटरिंग कर रही है. साथ ही पांच हेक्टेयर के एनक्लोजर में 10 फोटो ट्रेप कैमरे लगाए गए हैं. जिसमें भी बाघिन की गतिविधियां कैद हो रही है. बाघिन के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए यहां डॉक्टरों भी तैनात है. इसके लिए रोटेशन में रणथम्भौर और मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है.
सितंबर तक तय करेंगे रूट
रामगढ़ टाइगर रिजर्व के डीसीएफ संजीव शर्मा ने बताया की अक्टूबर माह से रामगढ़ विषधारी में सफारी शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन सफारी के लिए फिलहाल समय लग सकता है. विभाग ने अभी तक रास्ते नहीं बनाये है. यहां पहले रास्ते सही किए जाने हैं. साथ ही सफारी का रूट भी तय किया जाना. इसके साथ ही यहां छोड़े जाने वाले बाघ-बाघिनों की स्थिति को भी देखा जाएगा. उनका क्या मूवमेंट है. रिजर्व में वाहनों की व्यवस्था और एंट्री गेट तैयार किए जाने हैं. यह सब काम पूरे होने के बाद सफारी शुरू की जाएगी. उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार सफारी शुरू करने पर काम किया जाएगा. सितंबर तक रूट तय किए जाएंगे.
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