Rajasthan: बूंदी में कोटा विकास प्राधिकरण का विरोध शुरू, विधायक भरत सिंह ने जताई आपत्ती, बीजेपी भी खिलाफ
Kota News: कोटा विकास प्राधिकरण विधेयक 2023 विधानसभा में 14 मिनिट में पास हो गया और चुनिंदा लोग इससे काफी खुश हो रहे हैं. अब सवाल उठता है कि विकास प्राधिकरण की मांग किसने की थी?
Kota News: कोटा विकास प्राधिकरण (KDA) की घोषणा के साथ जहां शहर में इसके लिए खुशियां मनाई गईं. वहीं दूसरी और बूंदी में इसका तीखा विरोध शुरू हो गया है. बीजेपी (BJP) नेता रुपेश शर्मा ने गिरफ्तारी के साथ ही ये चेतावनी दी है कि वो बूंदी विधानसभा के 48 गांव और केशवराय पाटन विधानसभा के 15 गांवों को कोटा विकास प्राधिकरण में शामिल नहीं होने देंगे. वहीं अपनी ही सरकार को बार-बार कटघरे में खड़ा करने वाले सांगोद विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह ने भी इस पर अपनी आपत्ती जताई है.
वहीं पर्यावरणविद ब्रजेश विजयवर्गीय ने लिखा कि जिस भारत को गांवों का देश कहा गया था अब सुरसा की तरह खेल रहे शहरों के नाम से जाना जाएगा. कभी महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है. उनका यह कथन आज राजनीतिक सोच के लोगों में लुप्त हो गया है. इसी प्रकार के विचार भारतीय जनसंघ के प्रणेता रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय और नानाजी देशमुख के थे.
पर्यावरणविद ने क्या लिखा
पर्यावरणविद ने लिखा कि उन्होंने भी गांवों के संरक्षण और उनको सवारने की जरूरत पर बल दिया था. देशमुख ने तो गोंडा जिले में इसका सफल प्रयोग करके भी बताया. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का आदर्श गांव रालेगण सिद्धि देश-विदेश के लिए अध्ययन का केंद्र बन गया है. चाहे आचार्य विनोबा भावे हों या और कोई सामाजिक विचारक सभी ने गांव में ही भारत की आत्मा के दर्शन किए. जिस प्रकार जल्दी में कोटा विकास प्राधिकरण की घोषणा हो रही है, उससे तो लगता है कि गांव और खेत अब केवल फोटो में ही दिखेंगे.
14 मिनट में पास हो गया विधेयक
कोटा विकास प्राधिकरण विधेयक 2023 विधानसभा में 14 मिनिट में पास हो गया और चुनिंदा लोग इससे काफी खुश हो रहे हैं. सवाल उठता है कि विकास प्राधिकरण की मांग किसने की थी? रूपेश शर्मा ने कहा कि वह केडीए से प्रभावित होने सभी 68 गांव में ग्राम वासियों के बीच जाएंगे. यही नहीं ग्राम वासियों के हित के साथ ही बून्दी जिले की अस्मिता बचाने के लिए पीली की खान, मानपुरा और देवरिया में निवास करने वाले सभी बंजारा, भील, गुर्जर, माली सहित अन्य सभी समाज के प्रतिनिधियों और ग्राम वासियों के साथ बैठक कर आंदोलन के लिए जन समर्थन मागेंगे.
बडे़ स्तर पर होगा आंदोलन
उसके बाद बडे़ स्तर पर आंदोलन होगा. रुपेश शर्मा ने कहा कि केडीए को यहां लाकर सरकार हमें हमारी जमीन से बेदखल करना चाहती है. रुपेश शर्मा ने कहा कि वो बड़े लोगों को हमारी जमीन भेंट करना चाहती है, जिसके लिए हम ग्रामवासियों के पास संघर्ष करने और मरने मारने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. हम हर तरह का संघर्ष करने को तैयार है, लेकिन हम हमारी एक इंच जमीन किसी भी धनपति को देंगे.
शर्मा के अनुसार, आने वाले 15 दिनों के अंदर वो केडीए की हद में आने वाले उन सभी 68 गांवों का दौरा करने जा रहै हैं. इसकी शुरूआत उन्होंने बरड क्षेत्र के पीली की खान, मानपुरा और देवरिया गांव से कर भी दी है. बीजेपी नेता शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार के इस बून्दी अस्तित्व विरोधी निर्णय के विरुद्ध विशाल प्रदर्शन किया जाएगा. जनजागरण और जन आंदोलन के माध्यम से राजस्थान सरकार और कोटा के मंत्री शांति धारीवाल दोनों को इस बूंदी जिला विरोधी निर्णय को रद्द करने के लिए मजबूर किया जाएगा.