Bundi: बूंदी में 67 वाटर प्वाइंट पर शुरु हुई वन्यजीवों की गिनती, वन विभाग ने जताई इस बात की उम्मीद
बूंदी जिले में करीब 67 वाटर प्वाइंट पर गणना की जा रही है. इसमें रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में करीब 26 वाटर प्वाइंट बनाए गए हैं. वहीं बूंदी डिवीजन में करीब 41 वाटर प्वाइंट बनाए गए हैं.
राजस्थान (Rajasthan) के बूंदी (Bundi) में वन विभाग वन्यजीवों की गणना कर रहा है. 16 मई सुबह 8 बजे गणना शुरू हुई. गणना दूसरे दिन 17 मई सुबह 8 बजे तक की जाएगी. इस दौरान वाटर प्वाइंट पर आने वाले वन्यजीवों को सावधानी के साथ वनकर्मी और वालंटियर देखेंगे, पहचानेंगे और गणना शीट में दर्ज करेंगे. दो साल बाद हो रही वन्यजीवों की गणना में बूंदी जिले में वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. विभाग ने गणना करने वाले कर्मियों को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं.
बाघ की गिनती भी होगी
बूंदी जिले में करीब 67 वाटर प्वाइंट पर गणना की जा रही है. इसमें रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में करीब 26 वाटर प्वाइंट बनाए गए हैं. वहीं बूंदी डिवीजन में करीब 41 वाटर प्वाइंट बनाए गए हैं. वन्यजीव गणना में रामगढ़ अभयारण्य में घूम रहे बाघ को लेकर वन्यजीव प्रेमियों में उत्साह रहेगा. बाघ यहां करीब डेढ़ साल से मौजूद हैं. इसके चलते इस बार की गणना में बाघ की गिनती भी होगी. हालांकि रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में हाल ही में ट्रांजेक्ट लाइन सर्वे कराया गया है.
RBSE 12th Results 2022: जानिए कब तक आएगा राजस्थान बोर्ड 12वीं का रिजल्ट, इस वेबसाइट से कर सकेंगे चेक
वाटर प्वाइंटों की स्थिति
वन्यजीव की गणना के लिए वन विभाग ने कई वाटर पॉइंट निर्धारित किया है. बूंदी रेंज में 7, नैनवां में 7, डाबी में 7, केशवरायपाटन में 5, हिंडौली में 13, इंद्रगढ़ में 2 वाटर प्वाइंट वन्यजीवों की गणना के लिए निर्धारित किए गए हैं. रामगढ़ रेंज में 16 और जैतपुर रेंज में 10 वाटर प्वाइंट निर्धारित हैं. इन सभी वाटर पॉइंटो पर पानी की स्थिति सही है. इनके आसपास कर्मचारी गणना कर रहे हैं. गणना पूरी होने के बाद वन्यजीवों की लिस्ट को मुख्यालय भेज दिया जाएगा.
संख्या बढ़ने की उम्मीद
बूंदी जिले के रामगढ़ अभयारण्य में पिछले 21 माह से टी-115 की मौजूदगी है. रामगढ़ सेंचुरी में सांभर और चीतल बड़ी संख्या में मौजूद हैं. इनकी संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2019 में भालू अपने बच्चों के साथ दिखाई दिए थे, जो अब वयस्क हो चुके हैं. अधिकांश प्वांइट ऊंचाई वाले स्थानों पर ही बनाए गए हैं, जिनको एक दिन पहले साफ-सफाई कर बैठने लायक बना दिया गया है. जिन जगहों पर उंचाई नहीं मिले वहां मचान बनाने को लेकर वनकर्मियों को निर्देशित किया गया है कि वे हाथों-हाथ मजबूत मचान बनाएं और वन्यजीवों की गणना के बाद उसे हटा दें.
सावधानियां बरतने के निर्देश
वन अधिकारी धर्मराज गुर्जर ने बताया कि गणना के दौरान कार्मिकों और वॉलंटियर्स को आवश्यक सावधानियों के बारे में जानकारी दी गई. रामगढ़ अभयारण्य में गणना को लेकर गणना करने वाले कर्मचारियों को पहले ही प्रशिक्षण दे दिया गया है. प्रशिक्षण में निर्देश दिए गए हैं कि वन कर्मचारी गणना के दौरान सफेद कपड़े नहीं पहनें और न ही परफ्यूम - इत्र का उपयोग करें. गणना के दौरान वन्यजीवों की गतिविधि प्रभावित न हो, गणनाकर्मी बार-बार मूवमेंट नहीं करें. सभी कर्मियों और वालंटियर ने सोमवार को नियत समय पर अपने-अपने वाटर प्वाइंट पर पहुंचकर गणना शुरू कर दी है.
राजस्थान में अब नहीं होगी पशुओं के लिए चारे और पानी की कमी, राज्य सरकार ने उठाया ये नया कदम