Azadi ka Amrit Mahotsav: बूंदी में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया ‘हर घर तिरंगा‘ अभियान का शुभारंभ, लोगों ने लिया ये संकल्प
Bundi News: लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, इन 75 वर्षों में देश ने प्रगति के कई सोपान तय किए, लेकिन अब भी एक बड़ी यात्रा बाकी है. देश को शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेनी होगी.
Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी (Bundi) में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) के नेतृत्व में लोगों ने आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) मनाते हुए हर घर तिरंगा लहराने और पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प लिया. साथ ही बूंदी को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए एकसाथ मिलकर कार्य करने की भी पहल की. मां भारती के जयकारों के बीच बायपास रोड स्थित कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को राष्ट्र ध्वज तिरंगा भेंट कर ‘‘हर घर तिरंगा‘‘ अभियान (har ghar tiranga campaign) का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इन 75 वर्षों में देश ने प्रगति के कई सोपान तय किए, लेकिन अब भी एक बड़ी यात्रा बाकी है. आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो पूरे देश को उन शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेनी होगी जिन्होंने देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया.
लोकसभा अध्यक्ष ने और क्या कहा
लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि, युवा उम्र में जब अनेक आशाएं और अभिलाषाएं होती हैं तब शहीदों के मन में अंग्रेजों से मुकाबला कर देश को आजाद कराने का जज्बा था. हम जितना उनके बारे में जानते हैं, हमारे मन में उनके प्रति श्रद्धा उतनी ही बढ़ती है. आज इस अमृत काल में सामाजिक कार्यकर्ताओं के मन में भी देश को देने की भावना होनी चाहिए. उनमें वंचित-अभावग्रस्त वर्ग के लोगों के जीवन को बदलने की ललक होनी चाहिए. हम खुशकिस्मत हैं जो आजाद भारत में पैदा हुए. इससे समाज में सामाजिक-आर्थिक परिर्वतन लाने की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. गरीब व्यक्ति के जीवन में प्रकाश लाने का दायित्व बढ़ जाता है.
तिरंगा पहुंचाकर बनाएं अपनत्व का रिश्ता-ओम बिरला
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि, हमारा प्रयास होना चाहिए कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हर घर-हर भवन पर तिरंगा लहराएं. सामाजिक कार्यकर्ता यह राष्ट्रीय ध्वज हर व्यक्ति तक पहुंचाएं और उसे ससम्मान लहराने के लिए प्रेरित करें. यह तिरंगा हमें नई ऊर्जा प्रदान करता है. तिरंगे से प्रेरित होकर हम जिस घर तक पहुंचे वहां अपनत्व का रिश्ता बनाएं. उसके सुख-दुख में साझीदार बनें.
लक्ष्य बनाकर करना होगा काम-ओम बिरला
ओम बिरला ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से कहा कि, यह देश के प्रति समर्पण भाव से कार्य करने का समय है. हमें स्वयं तय करना होगा कि देश और समाज को हम क्या दे सकते हैं. हम अपने आसपास के स्कूल बेहतर बना सकते हैं, हम खेल मैदानों की दशा सुधार सकते हैं. हम अपने आसपास स्वच्छता अभियान चला सकते हैं. ऐसे अनेक काम हम हाथ में लेकर सामूहिकता से करेंगे तो देश में बड़ा बदलाव आएगा.
लोगों को अभियान से जोड़ें-बूंदी विधायक
बूंदी विधायक अशोक डोगरा ने संबोधित करते हुए कहा कि, तिरंगा 130 करोड़ भारतीयों के गौरव का प्रतीक है. हर घर तिरंगा अभियान किसी दल विशेष का अभियान नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हम सभी एक सूत्र में बंधकर इस अभियान को सफल बनाने का प्रयास करें. विधायक ने सामाजिक कार्यकर्ताओं और युवाओं से शहर में प्रत्येक परिवार तक तिरंगा पहुंचाने और प्रभात फेरी के माध्यम से अभियान की जानकारी देने का आह्वान किया.
गायत्री मंत्र के साथ पौधारोपण महाभियान शुरू
गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ रविवार से बूंदी में पौधारोपण महाभियान प्रारंभ हो गया. लोक सभा अध्यक्ष बिरला के नेतृत्व में बूंदी के प्रबुद्धजनों, सामाजिक संगठनों, व्यापारियों, उद्यमियों, विद्यार्थियों के साथ सभी वर्गों के लोगों ने खेल संकुल परिसर में पौधे लगाए और पेड़ बनने तक उनके संरक्षण का प्रण किया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि आज अवसर है और हम यह संकल्प लें कि बूंदी शहर और यहां के हर गांव को हरा-भरा बनाना है. बूंदी शौर्य और पराक्रम की धरती है. यहां की वीरता की गाथाएं सदैव से प्रेरणा की स्रोत रही हैं लेकिन अब हमें बूंदी को पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से प्रेरणा का केंद्र बनाना है.
नए भारत के निर्माण का समय-लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि, त्योहार मानने से घर बनाने तक हर कार्यक्रम में पौधारोपण को आयोजन का भाग बनाना होगा. उन्होंने कहा कि देश में आज आजादी के अमृत महोत्सव का उत्साह है. यह समय स्वाधीनता संग्राम के दौरान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के जज्बे से प्रेरणा लेकर नए भारत के निर्माण का समय है. हमें ऐसा भारत बनाना है जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हो. इसके लिए सामूहिकता और एकजुटता से काम करना होगा. बिरला ने कहा कि भारत अध्यात्म और संस्कृति की धरती है. हमारी परम्पराएं ऐसी हैं जहां हम प्रकृति के प्रत्येक अंश की पूजा करते हैं. पर्यावरण संरक्षण हमारे संस्कारों में है. यही वजह है कि अनेक ऐसे उदाहरण हैं जब पर्यावरण की रक्षा के लिए अनेक लोगों ने अपना बलिदान तक दे दिया.
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