देश का 52वां और Rajasthan का चौथा टाइगर रिजर्व बना बूंदी का रामगढ़ अभयारण्य, गजट नोटिफिकेशन जारी
बूंदी का रामगढ़ अभयारण्य राजस्थान का चौथा और देश का 52वां टाइगर रिजर्व बन गया है. टाइगर रिजर्व बनने से बूंदी को पर्यटन के लिए बड़ी सौगात है. आर्थिक दष्टिकोण से भी जिलेवासियों को फायदा होगा.
Rajasthan News: बूंदी में रामगढ़ विषधारी वाइल्डलाइफ सेंचुरी (Ramgarh Vishdhari Wildlife Sanctuary) के नाम कीर्तिमान जुड़ गया है. गजट नोटिफिकेशन जारी कर राजस्थान का चौथा और देश का 52वां टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) के तौर पर नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (National Tiger Conservation Authority) ने मंजूरी दे दी है. पिछले दिनों बजट घोषणा के मुताबिक टाइगर रिजर्व का प्रस्ताव तैयार करवाए गए थे. बूंदी में प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व घोषित करने के लिए सरकारी तौर पर कवायद तेज हुई और आखिरकार मंजूरी मिल गयी. राजस्थान सरकार ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) को पत्र लिखा था.
टाइगर रिजर्व की घोषणा से खुशी
पत्र में बूंदी का रामगढ़ सेंचुरी और आसपास के एरिया को वन्यजीव संरक्षण एक्ट 1972 के तहत टाइगर रिजर्व घोषित करने की मांग की गई. बताया गया एरिया दो टाइगर रिजर्व के बीच में आता है. इसके उत्तर-पूर्व में रणथंभौर टाइगर रिजर्व (Ranthambore Tiger Reserve) और दक्षिण में मुकुंदरा टाइगर रिजर्व (Mukundra Tiger Reserve) है. दोनों टाइगर रिजर्व के बीच का एरिया टाइगर आने-जाने में इस्तेमाल करते हैं और रणथंभौर का बफर जोन भी है. टाइगर रिजर्व की घोषणा से जिलेभर के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई.
गजट नोटिफिकेशन हुआ जारी
एनटीसीए की तकनीकी कमेटी के साथ हुई बैठक में गजट नोटिफिकेशन को मंजूरी दे दी गई. अब नोटिफिकेशन के बाद ट्रांसलोकेशन की तैयारी पूरी कर टाइगर रिजर्व में बाघ छोड़े जा सकेंगे. राजस्थान में अभी रणथंभौर, सरिस्का और मुकंदरा टाइगर रिजर्व हैं. रामगढ़ सेंचुरी में टाइगर टी-115 मौजूद हैं. दो साल पहले बजट सत्र में सीएम अशोक गहलोत ने बूंदी में चौथा टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा की थी. टाइगर रिजर्व के लिए 1050 स्क्वायर किमी का एरिया प्रस्तावित किया गया है. टाइगर रिजर्व बूंदी जिले के लिए बहुत बड़ी सौगात है. इसके लिए प्रपोजल सरकार के पास मार्च में भिजवाए गए थे. रामगढ़ अभ्यारण्य के जंगलों में सांभर, चीतल, जंगली सूअरों, शाकाहारी वन्य जीव की तादाद अच्छी खासी है. टाइगर की सुरक्षा के इंतजाम भी स्थानीय स्तर पर पुख्ता हैं.
जानकारी के अनुसार 1982 में बूंदी रामगढ़ अभ्यारण के नाम से जाने जाने लगा. कुल अभयारण्य 800 वर्ग किमी में फैला हुआ है. एक तरफ रणथंभौर है तो दूसरी तरफ मुकुंदरा टाइगर रिजर्व है. बूंदी रामगढ़ अभ्यारण में नीलगाय, सियार, हिरण, भालू, हाईना, जंगली कुत्ते, चीतल, सांभर, जंगली बिल्लियां, तेंदुए, लंगूर, सांप, मगरमच्छ सहित 500 प्रकार के वन्य जीव मौजूद हैं. रणथंभौर से ज्यादा खूबसूरत बाघों के प्रजनन के लिए ग्रास लैंड है. वन्यजीव प्रेमी बिट्टल कुमार सनाढ्य ने बताया कि बूंदी का रामगढ़ अभयारण्य सदियों से बाघों के लिए मैटरनिटी होम (जच्चा घर) के रूप में प्रसिद्ध रहा है. जंगल बाघों के लिए सदियों से बेहतर आश्रयस्थल रहे हैं. रामगढ़ का उत्तम प्राकृतिक वातावरण और इसके बीच में बहने वाली मेज नदी की खूबसूरत वादियों में बाघों की दहाड़ ने ही इसे भारत का एक प्रमुख अभयारण्य होने का गौरव प्रदान किया है.
रणथंभौर से टी 62 व टी 91 बाघों के आने के बाद अभयारण्य का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है. टी 91 बाघों को मुकंदरा शिफ्ट किया गया था और टी 62 बाघ वापस लौट गया था. वर्तमान में रणथंभौर से निकला टी-115 बाघ सेंचूरी में घूम रहा है, जिसे आए हुए 21 माह हो चुके हैं. प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में इंद्रगढ़ से जैतपुर तक का रणथंभौर टाइगर बफर जोन, रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य, देवझर से भीमलत महादेव तक कालदां का सघन वन क्षेत्र, गरड़दा और भीलवाड़ा जिले में बांका-भोपतपुरा के जंगल शामिल किए गए हैं. बूंदी में प्रस्तावित टाइगर रिजर्व क्षेत्रफल की दृष्टि से मुकंदरा नेशनल पार्क से बड़ा होगा. प्रस्तावित सम्पूर्ण इलाका आरक्षित वनों की श्रेणी में आता है और अधिकांश क्षेत्र आबादीविहीन सघन वनों से आच्छादित है.
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बूंदी को पर्यटन की बड़ी सौगात
बूंदी रामगढ़ अभ्यारण्य के डीएफओ अलोक गुप्ता ने एबीपी न्यूज को बताया कि टाइगर रिजर्व का गजट नोटिफिकेशन मंजूरी के बाद रिजर्व का बफर और कोर एरिया घोषित हो गया है. सोमवार को केंद्रीय वन मंत्रालय के सचिव ने गजट नोटिफिकेशन पर साइन कर दिया है. भारत सरकार की ओर से प्लान अप्रूव्ल होने के बाद अभयारण्य का काम होंगे. राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग कार्य के लिए बजट मिलेगा. एनक्लोजर के अलावा सुरक्षा दीवार और फेंसिंग भी होगी, प्रे-बेस ट्रांसलोकेट की प्रोसेस होगी. घना से 150 चीतल लाए जाएंगे. स्टाफ की भर्ती भी होगी. साथ ही बॉर्डर होम गार्ड सुरक्षा के लिए लगेंगे. रिजर्व के कर्मचारियों को टाइगर अलाउंस और मैश भत्ता भी मिल सकेगा. टूरिस्ट के लिए अलग-अलग जोन से एंट्री होगी. बूंदी को पर्यटन की बड़ी सौगात है. आर्थिक दष्टिकोण से भी जिलेवासियों को फायदा होगा.
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