Court on Bundi Minor Rape Case: राजस्थान के बूंदी जिले की एक विशेष अदालत ने पांच साल की बच्ची से रेप करने के आरोप में एक व्यक्ति को 20 साल कैद की सजा सुनाई है. यह मामला 2020 का है. यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अदालत-1 ने दोषी पाए गए रामदेव माली (52) पर 80 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. पॉक्सो अदालत-1 के लोक अभियोजक राकेश ठाकुर ने बताया कि डबलाना पुलिस थाना क्षेत्र के एक गांव के निवासी रामदेव माली ने दिसंबर 2020 में बच्ची के साथ रेप किया था.
लोक अभियोजक के मुताबिक, पीड़िता के पिता ने चार जनवरी 2021 को डबलाना थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके गांव का रामदेव माली उनकी बेटी को अमरूद खिलाने का लालच देकर अपने कमरे में ले गया और उसके साथ रेप किया. इस घटना के समय परिवार के सदस्य घर से बाहर थे.
20 गवाहों के बाद आया फैसला
पुलिस ने प्रारंभिक जांच और पीड़िता की चिकित्सा जांच के बाद माली के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और बच्चों का यौन शोषण से संरक्षण संबंधी पॉक्सो अधिनियम की धाराओं के तहत रेप का मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया. लोक अभियोजक राकेश ठाकुर ने कहा कि तब से माली न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद है. उन्होंने बताया कि मुकदमे के दौरान 20 गवाहों के बयान दर्ज किए गए और 21 दस्तावेज अदालत के समक्ष पेश किए गए.
भरतपुर में भी पॉक्सो कोर्ट ने रेप के दोषी सुनाई सजा
इससे पहले भरतपुर जिले की पॉस्को कोर्ट ने 11 सितंबर को एक नाबालिग से रेप के आरोपी को दोषी ठहराते हुए 20 साल की सजा सुनाई थी, साथ ही उस पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था. मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक दोषी ने अक्टूबर 2021 में नाबालिग को रात के समय पीड़िता का मुंह दबाकर उसके घर से उठा ले गया था. दोषी फतेह पीड़िता के पड़ोस में रहता था. नाबालिग बच्ची की मां देर रात जब उठी, तब बेटी को कमरे में न पाकर उसकी तलाश शुरू की. महिला जब बच्ची को ढूंढ़ते हुए घर से बाहर निकली तब उसे बच्ची के रोने की आवाज सुनाई पड़ी. मौके पर पहुंच कर देखा तब आरोपी नाबालिग के साथ रेप कर रहा था.
इस मामले में 4 अक्टूबर 2021 को पीड़िता के पिता ने पुलिस में मामला दर्ज कराया था. इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ने 12 गवाहों और 37 दस्तावेजों के आधार पर आरोपी फतेह सिंह को 20 साल सख्त कारावास की सजा और 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.
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