Bundi Student Union Election: राजस्थान के बूंदी में छात्र संघ चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां इस बार छात्र संघ चुनावों में एमए, एमकॉम, एमएसी प्री के छात्र वोट नहीं डाल पाएंगे. इस वर्ग के छात्रों को बड़ा झटका लगा है तो मामला कोर्ट तक पहुंच गया है.  बता दे कि इस वर्ष प्रीवियस के लिए अभी तक एडमिशन प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई है. इस वजह से बीए, बीकॉम, बीएससी फाइनल ईयर से प्रीवियस में जाने वाले छात्र वोट नहीं दे पाएंगे.


छात्रो द्वारा इस संबंध में हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से कॉलेज कमिश्नर को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि जिस तरह राजस्थान यूनिवर्सिटी, एमडीएस और उदयपुर यूनिवर्सिटी ने यूजी फाइनल ईयर के छात्रों को पीजी प्रीवियस में टेम्प्रेरी प्रवेश दिया है. उसी तर्ज पर जगह भी टेम्प्रेरी प्रवेश दिया जाए, ताकि इस आधार पर प्रीवियस के छात्र भी छात्र संघ चुनाव में वोट डाल सकें.


चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी, हमारा लेना देना नही


पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल सतीश सारस्वत का कहना है कि कॉलेज में छात्र संघ चुनाव को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. नामांकन प्रक्रिया से लेकर वोटर आईडी कार्ड की सभी आवश्यक आदेशों की पालना की जा रही है. उन्होंने ने कहा कि हाईकोर्ट के नोटिस में हमारे कॉलेज का कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि इसमें कमिश्नर कॉलेज को पार्टी बनाया गया है. कॉलेज में निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक छात्र संघ चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी. इस बारे में कॉलेज आयुक्तालय को अवगत करा दिया है. वहां से जो भी आदेश आएगा उसकी पालना की जाएगी. छात्र संगठनों ने इस नोटिस के आधार पर यहां भी मांग की थी, पर यह आयुक्तालय का मामला है.


निजी जिंदगी की आलोचना नहीं कर सकेंगे, माना जायेगा उलंघन


प्रिंसिपल सुमित सारस्वत ने बताया कि आचार संहिता के अनुसार कोई भी प्रत्याशी, विरोधी प्रत्याशियों की नीतियों, कार्यक्रम या पूर्व रिकॉर्ड की ही आलोचना कर सकेगा. किसी विरोधी या उसके समर्थकों की निजी जिंदगी या अन्य गतिविधियों की आलोचना नहीं करेगा. जातीय, सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं करेगा, बाहरी व्यक्ति या राजनीतिक दलों का चुनाव में दखल नहीं होगा, न ही दलों से चंदा लेगा. जो छात्र नेता चुनाव लड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं, उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया तो एक साल के बैन के साथ ही चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. कॉलेजों कैंपस में पोस्टर, बैनर, होर्डिंग के साथ ही बड़ी रैलियों पर रोक रहेगी. चुनाव खर्च सीमा 5 हजार रुपये रहेगी. प्रिंसिपल सुमित सारस्वत ने बताया कि अब कोई भी प्रवेश सूची जारी नहीं होगी. ऐसे में जो छात्र एडमिशन ले चुके हैं या पहले से पढ़ रहे हैं, वे ही चुनाव में वोट देने के हकदार होंगे.


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लिंगदोह कमेटी करता है छात्रसंघ चुनाव


राजस्थान के सभी कॉलेजों में लिंगदोह कमेटी के अनुसार ही छात्र संघ चुनाव करवाए जाते हैं और वही सिफारिश से लागू होती है. जिसके अनुसार उम्र सीमा यूजी में 22 वर्ष, पीजी के लिए 25 वर्ष व शोध छात्र के लिए 28 वर्ष चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम 75% उपस्थिति जरूरी है. चुनाव लड़ने के लिए नियमित छात्र होना जरूरी है, इसके साथ ही आपराधिक रिकॉर्ड, मुकदमा, सजा या अनुशासनात्मक कार्रवाई पर चुनाव से बैन एक प्रत्याशी का अधिकतम खर्च पांच हजार रुपये है. प्रिंटेड पोस्टर, पेम्फलेट या प्रचार सामग्री के प्रयोग की अनुमति नहीं.


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