राजस्थान में विधानसभा चुनाव आने वाले है. प्रदेश के हर एक शख्स के जुबान पर अभी इसी का नाम है. चर्चाएं हो रही है कि क्या कांग्रेस सरकार रिपीट होगी या बीजेपी की सरकार में वापसी होगी. ऐसे में इन चुनाव के साथ मेवाड़ में अब तक हुए उपचुनाव का भी बोलबाला हो रहा है. यहां ऐसे चुनाव हुए है जो चर्चाओं का विषय बनाए और यहां तक कि इनमें दिग्गत नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर भी लगी. यहां तक कि मुख्यमंत्री जिस सीट से विधायक थे वहां भी उपचुनाव हुए. आइये जानते हैं कौनसे उपचुनाव हुए जो काफी चर्चाओं में रहे.
कांग्रेस नेता जो सीडब्ल्यूसी के सदस्य रहे और पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा से जुड़ा किस्सा भी दिलचस्प है. रघुवीर सिंह मीणा सलूम्बर से विधायक थे. उन्हें उदयपुर लोकसभा से सांसद का टिकट मिला. इसी कारण यहां उपचुनाव हुए. इस पर विधानसभा उपचुनाव में रघुवीर सिंह मीणा की पत्नी बसंती देवी को टिकट मिला. दोनों चुनाव में रघुवीर सांसद बने और उनकी पत्नी बसंती विधायक चुनी गईं.
पूर्व सीएम के निधन पर हुआ उपचुनाव
मेवाड़ वागड़ से राजस्थान के सीएम रहे हरिदेव जोशी जिन्हें राजस्थान का चाणक्य भी कहा जाता था. यह कांग्रेस के दिग्गज नेता थे. वर्ष 1995 में इनका निधन हुआ था इसके बाद बांसवाड़ा विधानसभा का उपचुनाव हुआ था. यहां बीजेपी के भवानी जोशी ने कांग्रेस के दिनेश जोशी को हरा दिया था.
बेटे को टिकट मिला लेकिन हार का सामना करना पड़ा
वागड़ की सागवाड़ा विधानसभा सीट जहां से भीखा भाई विधायक थे. उनके निधन के बाद इनके बेत्व सुरेन्द्र को टिकट दिया गया. उपचुनाव में बीजेपी से कनकमल कटारा मैदान ने उतरे. वर्ष 2003 ने इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव जिसमें भीखा भाई के बेटे सुरेन्द्र को कनकमल कटारा ने हरा दिया.
बेटी को टिकट मिला और जीत दर्ज की
भाजापा राजस्थान की दिग्गज नेता रहीं राजसमंद से विधायक किरण माहेश्वरी का कोरोना काल मे निधन हो गया. वर्ष 2021 की बात है, तब उपचुनाव हुए. उपचुनाव में बेटी दीप्ति माहेश्वरी को टिकट दिया गया और विजय प्राप्त की. वह अभी राजसमन्स से विधायक है.
पत्नी को टिकट मिला, जीत मिली
उदयपुर की वल्लभनगर विधानसभा सीट से गजेंद्र सिंह शक्तावत विधायक थे जिनका निधन हो गया. वर्ष 2021 में इस सीट से कांग्रेस ने गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत को मैदान में उतारा. सामने मुख्य रूप से जनता सेना पार्टी और बीजेपी के प्रत्याशी थे, साथ ही अन्य पार्टी के प्रत्याशी थे. प्रीति शक्तावत ने विजय प्राप्त की. इसके अलावा भी उपचुनाव हुए जिनमें कभी भाजाप तो कभी कांग्रेस जीती.