Case Against Gajendra Singh Shekhawat: चित्तौड़गढ़ में एक दिन पहले बीजेपी की जन आक्रोश रैली हुई थी, जिसमें जनता को संबोधित करने के लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी पहुंचे थे. उन्होंने अपने भाषण में राजस्थान सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए थे. इसी में उन्होंने सीएम अशोक गहलोत को 'राजनीति का रावण' कहकर संबोधित किया है. इसी बात को लेकर अब उनके खिलाफ चित्तौड़गढ़ में एफआईआर दर्ज हो गई है. 


यह एफआईआर राजस्थान धरोहर अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने दर्ज करवाई है और एफआईआर चित्तौड़गढ़ सदर थाने में दर्ज हुई है. बता दें कि गजेंद्र सिंह शेखावत के इस बयान पर सीएम अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा था कि, 'मैं रावण हूं तो आप राम बन जाओ. ढाई लाख लोगों का पैसा वापस कर दो.'


गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ दर्ज FIR में ये लिखा
एफआईआर में सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने बताया कि 27 अप्रैल को बीजेपी की तरफ से चौक पुराना बस स्टैंड पर एक सभा आयोजित की गई, जिसमें काफी तादाद में लोगों को एकत्रित किया गया था. उसमें गजेन्द्र सिंह मुख्य वक्ता के रूप में सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने अपने संबोधन में सार्वजनिक मंच से समाज में धार्मिक विद्वेष उत्पन्न कर भीड़ में उग्रता लाकर बल्वा कारित करने के लिए लोगों को उत्प्रेरित करने का गंभीर अपराध किया, जिसे मंच पर उपस्थित अन्य नेताओं में भी समर्थन किया गया है.


इतना ही नहीं, एफआईआर में यह भी लिखा गया है यह कि सार्वजनिक स्थान पर व्यक्तियों को एकत्रित कर राजस्थान सरकार एवं राजस्थान सरकार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ झूठे तथ्य प्रकट कर समाज में सरकार के प्रति घृणा और अवमान कारित कर राजद्रोह का अपराध कारित किया गया. वर्तमान राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा जन उपयोगी कार्य किये जा रहे हैं, जिनसे आमजन को राहत मिल रही है. उसके संबंध में उनके द्वारा गलत भ्रामक झूठे तथ्य आमजन के सामने रखकर आमजन को राजस्थान सरकार के विरुद्ध भड़का भाषण देकर बल्वा की स्थिति कायम करने का गंभीर अपराध कारित किया गया है.


'राजनीति का रावण' कहकर अपमान करने का आरोप


वहीं, यह भी आरोप लगाया गया है कि गजेन्द्र सिंह द्वारा प्रतिष्ठा धूमिल करने के आशय से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 'राजनीति का रावण' से संबोधित करते हुए अपमानित कर अपराध किया गया है. सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने आरोप लगाया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे है और पूरे देश में मुख्यमंत्री के रूप अशोक गहलोत का मान सम्मान सर्वश्रेष्ठ होकर सबसे बेहतर रहा है. गहलोत गांधीवादी विचारधारा से कार्यों को करने वाले व्यक्ति हैं, वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा थोपी गई महंगाई से आमजनता को राहत देने के कार्यों में लगे हुए हैं और ऐसे नेक विचार और आम जनता के हितों के लिए हर वक्त तैयार रहने वाले व्यक्ति के संबंध में अनुचित टिप्पणी कर उनके साथ प्रार्थी स्वयं एवं प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता को अपमानित करने का अपराध किया गया है.


सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने कहा कि अशोक गहलोत राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (ई) से संबंध रखते हैं और मैं स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लंबे समय से अनुयायी होकर गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित हो जनता के कार्यों से जुड़े हुए हैं. गजेंद्र सिंह स्वयं एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि होकर केन्द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के जिम्मेदार पद पर आसीन हैं और उनके द्वारा पद की गरिमा से हटकर मुख्यमंत्री एवं राजस्थान सरकार और उनकी पार्टी के विरुद्ध निजी द्वेषता रख गलत तुलनात्मक कथन कर रावण से संबोधित कर राजस्थान सरकार के विरुद्ध धार्मिक उन्माद उत्पन्न करने एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता को अपमानित करने का प्रयत्न सार्वजनिक रूप से किया. 


यह कि मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (ई) का सदस्य होकर पार्टी में विभिन्न पदो पर रहा एवं पार्टी का कार्यकर्ता होकर राजस्थान सरकार में अध्यक्ष राजस्थान धरोहर प्राधिकरण पद का दायित्व निर्वहन कर रहा हूँ. गजेंद्र सिंह शेखावत के उपरोक्त कृत्य से मैं स्वयं भी आहत हुआ एवं काफी अपमानित महसूस कर रहूं. रिपोर्ट पर पुलिस ने गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ आईपीसी धारा 143, 153ए, 295ए, 500, 504, 505 बी, 511 में मुकदमा दर्ज किया. 


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