Rajasthan: सीएम गहलोत के भाई के घर से 12 घंटे बाद निकली CBI की टीम, गाड़ियों के आगे कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
Rajasthan CM Ashok Gehlot के भाई के घर और दुकान में सीबीआई ने शुक्रवार को सुबह छापेमारी की. सीबीआई ने वहां 12 घंटे तक पूछताछ की.
Jodhpur News: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के भाई के घर और दुकान में सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार को सुबह छापेमारी की. 12 घंटे तक चली पूछताछ और जांच के बाद रात 12 बजे सीबीआई की गेस्ट हाउस पहुंची अग्रसेन गहलोत पर आरोप है कि 2007 से 2009 के बीच फर्टिलाइजर बनाने के लिए पोटाश किसनों को काट के नाम पर सरकार से सब्सिडी पर खरीदी और निजी कंपनियों को बेच कर मुनाफा कमाया.
12 घंटे तक हुई पूछताछ
CBI ने 12 घंटे से भी अधिक समय तक अग्रसेन गहलोत से घर में पूछताछ की. पूछताछ के बाद निकली सीबीआई की टीम के गाड़ियों के सामने यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने जमकर प्रदर्शन किया, नारेबाजी की इस दौरान मौजूद पुलिस के जवानों और अधिकारियों को भारी मशक्कत करनी पड़ी उसके बाद सीबीआई की गाड़ियां वहां से निकली.
CBI ने की अग्रसेन गहलोत पर कार्रवाई
एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट एडी में भी इस मामले की जांच चल रही है कस्टम विभाग ने अग्रसेन गहलोत की कंपनी पर करीब 5.46 करोड़ की पेलेंटी लगाई थी. अग्रसेन की अपील पर हाईकोर्ट ने ईडी से जुड़े मामले में अग्रसेन गहलोत की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी इस मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की है.
सीबीआई के अनुसार प्रतिबंधित पोटाश को नमक बताकर एक्सपोर्ट किया गया. 2007 से लेकर 2009 के दौरान सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स एंड मेसर्स इंडियन पोटाश लिमिटेड आदि ने अधिकारियों सहित अन्य लोगों के साथ एक साजिश रची थी. इस धोखाधड़ी से कुल 24003 मीट्रिक टन म्यूरेट की खरीद और निर्यात किया था .
ये भी हैं आरोप
नमक-फेल्डस्पार पाउडर की आड़ में पोटाश एक्सपोर्ट किया गया. इससे सरकार को 52.8 करोड़ रुपये की सब्सिडी का नुकसान हुआ. इसी को लेकर शुक्रवार को राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल समेत 15 स्थानों पर सीबीआई की ओर से छापेमारी कर तलाशी ली गई.
अग्रसेन गहलोत आईपीएल के ऑथराइज्ड डीलर थे 2007 से 2009 के बीच उनकी कंपनी ने सब्सिडाइज्ड रेट पर एमओपी खरीदा, लेकिन उसे किसानों को बेचने की बजाय दूसरी कंपनियों को बेच दिया उन कंपनियों ने एमओपी को इंडस्ट्रियल सॉल्ट के नाम पर मलेशिया और सिंगापुर पहुंचा दिया. डायरेक्ट्रोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने 2012 और 13 में फर्टिलाइजर घोटाले का खुलासा किया था. कस्टम विभाग ने अग्रसेन की कंपनी पर करीब 5.46 करोड़ रुपए की पेनल्टी भी लगाई थी. भाजपा ने 2017 में इसे मुद्दा बनाया. यह मामला अब फिर से चर्चा में आ गया है.
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