(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Special Story: पति ने 60 हजार में किया सौदा, 12 साल की उम्र में उठाना पड़ा हथियार, ऐसी है डाकू सीमा यादव की कहानी
बीहड़ में कई महिला डकैत हुईं जिनमें से एक सीमा यादव भी थीं. सीमा के पति ने जब एक डाकू से उसका सौदा किया तो अपनी बर्बादी का बदला उसने डाकू की हत्या करके लिया और फिर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
Dacoit Seema Yadav: चम्बल के बीहड़ में अनेक डाकुओं ने राज किया. एक से बढ़कर एक खूंखार डकैत जिनका चम्बल के आसपास तीन राज्यों में आतंक रहता था. सभी डकैतों का लूटपाट करने और अपहरण कर फिरौती लेने का अपना-अपना तरीका भी होता था. कई डकैत ऐसे होते थे जो महिलाओं को हाथ भी नहीं लगते थे और कई डकैत ऐसे भी हुए हैं जो जहां भी लूटपाट करने जाते थे वहां महिलाओं की इज्जत भी लूटते थे.
बीहड़ में कई महिला डकैत भी हुईं जिनके नाम का डंका चम्बल के बीहड़ में बजता था. ऐसी ही दस्यु सुंदरी थी सीमा यादव, जिसने अपनी बर्बादी का बदला गैंग के सरदार की हत्या करके लिया और फिर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी कर दिया. सीमा यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के सिकंदरा थाना क्षेत्र के महरूपुर गांव के रहने वाले जुलुम सिंह के घर में हुआ था. सीमा यादव के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, उसका परिवार गरीब था.
पति ने सलीम गैंग के मुखिया से किया सीमा का सौदा
सीमा यादव सुंदरता में किसी फिल्मी हीरोइन से कम नहीं थी. गोरा-सुन्दर चेहरा और तीखे नैन-नक्श जो किसी को भी कायल कर ले. लेकिन कहते हैं कि किस्मत कब कहां ले जाए किसी को पता नहीं होता. किस्मत ने ऐसा ही खेल सीमा यादव के साथ भी खेला. सीमा यादव अभी जवानी की दहलीज पर कदम भी नहीं रख पाई थी कि 1998 में 11 वर्ष की उम्र में ही सीमा के पिता जुलुम सिंह ने उसकी शादी इटावा जिला के भवानीपुर गांव के रहने वाले कल्लू सिंह से कर दी थी. कल्लू सिंह सीमा यादव से उम्र में लगभग 14 वर्ष बड़ा था. उस समय छोटी उम्र की लड़कियों की शादी बड़े उम्र के लड़कों से करना आम बात थी. अपने पिता का आदेश मानते हुए सीमा भी अपनी ससुराल इटावा पहुंच गई.
ससुराल में अलग था माहौल
सीमा यादव के ससुराल का माहौल एकदम अलग था. ससुराल में डकैतों का आना-जाना लगा रहता था. सीमा को डकैतों का आना-जाना अच्छा नहीं लगता था लेकिन वो समझ नहीं पा रही थी कि वो क्या करे. उसने अपने पति से इस बारे में शिकायत भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अब सीमा की खूबसूरती भी उसके लिए मुसीबत बनने लगी. सीमा अपने मायके आई तो उसने अपने पिता को भी डाकुओं के बारे में बताया लेकिन पिता ने भी उसकी बात पर गौर नहीं किया और फिर वह अपने ससुराल आ गई. डकैतों के आने-जाने के बारे में सीमा अपने पति कल्लू से करती तो वह उसकी पिटाई कर देता था. लगभग सात महीने के बाद ही उसके पति ने सलीम गैंग के मुखिया से सीमा का सौदा कर दिया.
लेकिन सीमा का भाई गंभीर भी बड़ा खतरनाक था. जब सलीम गैंग के मुखिया को सीमा के भाई की जानकारी हुई तो उसने सीमा को खरीदने से मना कर दिया. वर्ष 1999 में सीमा का भाई पुलिस एनकाउण्टर में मारा गया और सीमा यादव की किस्मत यहीं से पलट गई और सीमा चम्बल के बीहड़ पहुंच गई. सीमा यादव के पति ने सीमा का सौदा 60 हजार में चन्दन डाकू के साथ कर दिया और उसके साथ मारपीट कर उसे चम्बल के बीहड़ में चन्दन सिंह के पास पहुंचा दिया.
उठाना पड़ा 12 वर्ष की उम्र में हथियार
जब सीमा चम्बल पहुंची तो उसकी उम्र 12 वर्ष की थी. उसने चन्दन सिंह के आगे हाथ-पैर जोड़े लेकिन डाकू चन्दन सिंह ने सीमा के पिता से फिरौती में 5 लाख रुपए नगद और 5 बीघा जमीन की मांग की. लेकिन सीमा के पिता ने देने से मना कर दिया. उसके बाद चन्दन सिंह सीमा यादव को साथ रख कर डकैती, लूट और अपहरण कराने लगा. सीमा यादव ने भी अपनी किस्मत में यही लिखा होना मान कर अब हथियार उठा लिए और चन्दन यादव की गैंग में शामिल हो गई. सीमा यादव डाकू चन्दन यादव की गैंग में रहकर उससे नफरत करती थी क्योंकि वह इस बात को भूल नहीं पाई थी कि उसका सौदा करने वाला डाकू चन्दन सिंह ही था और न ही उसे माफ कर पाई थी.
2005 में किया डाकू चन्दन सिंह का कत्ल
चन्दन यादव से बदला लेने के लिए वह धीरे-धीरे अपनी अलग गैंग बनाने लग गई. समय बीतता गया और सीमा भी लूट, डकैती, अपहरण की वारदातों को अंजाम देने लग गई. लूट, डकैती और अपहरण की घटनाओं में सीमा का नाम आने लगा तो पुलिस भी उसके पीछे पड़ गई. चम्बल के बीहड़ में सीमा का आतंक था और सीमा डाकू चन्दन यादव से बदला लेने के लिए मौके की तलाश में थी. जिस घड़ी का इंतजार सीमा वर्षों से कर रही थी साल 2005 में वह घड़ी आ गई और मौका मिलते ही एक मुठभेड़ के दौरान सीमा यादव ने चन्दन यादव को मौत के घाट उतार दिया और उससे अपनी बर्बादी का बदला लिया. अब सीमा यादव आजाद थी. उसने चन्दन यादव की हत्या करने के बाद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. सीमा पर कई हत्या, लूट और अपहरण के मामले दर्ज थे इसलिए सीमा को 7 साल की सजा हो गई .
जेल में हुई देवेन्द्र राणा से मुलाकात
सीमा यादव के सात साल जेल में रहने के दौरान उसकी मुलाकात देवेंद्र राणा नाम के युवक से हो गई. सीमा यादव ने देवेंद्र राणा को अपनी आपबीती सुनाई. सीमा यादव की आपबीती सुनकर देवेंद्र राणा को सीमा से हमदर्दी होने लगी और वह सीमा को चाहने लगा. वर्ष 2014 में सीमा यादव जेल से छूट कर बाहर आ गई. लेकिन सीमा के माता-पिता ने उससे किसी प्रकार का सम्बन्ध रखने से मना कर दिया. उसके बाद देवेंद्र राणा ने ही सीमा से शादी कर ली. जानकारी के अनुसार उनकी एक बेटी भी है.