Kota Keshav Rai Temple: कोटा संभाग के केशवरायपाटन में केशवराय मंदिर की अलग ही पहचान है. मां चर्मण्यवती के तट पर बसा केशवरायपाटन में स्नान का महत्व है. पवित्र स्नान के लिए चंबल नदी पर घाट बने हुए हैं. केशवरायपाटन में कार्तिक मेले का आयोजन भी किया जाता है. अब क्षेत्र में चंबल घाटों का निर्माण वाराणसी की तर्ज पर किया जाएगा. संस्कृति मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत मंदिर परिक्षेत्र को भव्य स्वरूप दिया जाएगा. मकसद है केशवराय मंदिर भारत का प्रमुख धार्मिक-आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभार. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंदिर परिक्षेत्र के पुनर्विकास प्रोजेक्ट पर काम करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की.
चंबल घाटों का निर्माण वाराणसी की तर्ज पर होगा
स्पीकर बिरला के प्रयासों से केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने केशवराय मंदिर को स्वदेश दर्शन योजना में शामिल किया है. परियोजना के पहले चरण में करीब 70 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य करवाए जाएंगे. विकास कार्य का डीपीआर और रूपरेखा पर स्पीकर बिरला ने केशवरायपाटन विधायसक चंद्रकांता मेघवाल के साथ चर्चा थी. चर्चा में कंपनी के अधिकारियों और क्षेत्रीय लोगों ने भी शिरकत की. उन्होंने कहा कि चंबल घाटों को वाराणसी की तर्ज पर भव्य स्वरूप दिया जाएगा. घाट पर मौजूद समाधियों से छेड़छाड़ किए बिना कार्य को किया जाएगा. चंबल नदी किनारे पर्याप्त स्थान के लिए घाटों का दोनों ओर विस्तार किया जाएगा.
श्रद्धालुओं के लिए बनाया जाएगा फेसिलिटी सेंटर
मंदिर परिक्षेत्र में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए फेसिलिटी सेंटर बनेगा. फेसिलिटी सेंटर यात्रियों के लिए सूचना केंद्र, रेस्ट एरिया, लॉकर रूम बनाए जाएंगे. सूचना और पूछताछ केंद्र के साथ फूड कोर्ट, कैफेटेरिया, किड्स प्लेइंग एरिया, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहेंगी. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मंदिर परिक्षेत्र में परकोटे की दीवारों पर आकर्षक फसाड लाइट्स लगाई जाएं.
मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करने की परिकल्पना करें. रात के समय लाइटिंग को देखने लोग कोटा की ओर भी आएं. प्रोजेक्ट के तहत मंदिर तक पहुंच मार्ग की दशा सुधारने पर विशेष फोकस रहेगा. कोटा की ओर से भी चंबल नदी पार कर मंदिर तक श्रद्धालुओं की सुविधा पहुंचने के लिए दोनों ओर जेटी बनाई जाएगी. जेटी से नावों का संचालन होगा.