Kota Chambal River Front: दुनिया का नायाब चम्बल रिवर फ्रंट अपने आप में अनूठा होगा. दुनिया में इस तरह का हेरिटेज रिवर फ्रंट नहीं है. चंबल रिवरफ्रंट नायाब चीज बन गई जिसकी हमने भी कल्पना नहीं की थी. 3 साल में इतना काम दुनिया की कोई कंस्ट्रक्शन कंपनी नहीं कर सकती, यह मेरा चैलेंज है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सोमवार को चंबल रिवर फ्रंट का दौरा किया ये बात कही. उन्होंने दावा किया कि चम्बल रिवर फ्रंट कोटा के लिए वरदान होगा. इस दौरान उनके साथ कई प्रशासनिक अधिकारी पुलिस के आला अधिकारी भी मौजूद रहे.


मई में जनता देख सकेगी चम्बल रिवर फ्रंट


मंत्री शांति धारीवाल ने चंबल रिवर फ्रंट की बारीकियों को देखा और जो काम नहीं हुए हैं उन्हें तत्काल पूरा करने के आदेश दिए. यूडीएच मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मई माह में चंबल रिवर फ्रंट को जनता के सुपुर्द कर दिया जाएगा. उससे पहले यहां पर कैबिनेट की 2 दिन मीटिंग होगी, जिसमें मंत्री, प्रशासनिक अधिकारी और कई जानी-मानी हस्तियां रहेंगी.


इसके उद्घाटन में कई इवेंट भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें कई हस्तियों को बुलाने की योजना है. उन्होंने कहा कि अभी प्लान तैयार किया जा रहा है लेकिन यह फाइनल हो चुका है कि मई में इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा.


दुनिया का पहला इस तरह का हेरिटेज रिवरफ्रंट


उन्होंने कहा कि उम्मीद जताई जा रही है कि इस तरह का रिवरफ्रंट पूरी दुनिया में कहीं नहीं है. यह दुनिया का पहला इस तरह का हेरिटेज रिवरफ्रंट होगा. उन्होंने कहा कि यह नायाब चीज बन गई है जिसकी हमने भी उम्मीद नहीं की थी, कि इतनी बेहतरीन बनेगा. उन्होंने यूआईटी और कंपनी के आला अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि 3 साल में 6 किलोमीटर लंबा रिवरफ्रंट बनाना दुनिया में अपने आप में एक इतिहास बन गया है. दुनिया की कोई भी वर्ल्ड क्लास कंपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी इस तरह 3 साल में इतना बड़ा प्रोजेक्ट नहीं कर सकती यह मेरा चैलेंज है.


रोजगार मिलेगा, व्यापार में आएगा बूस्ट


उन्होंने कहा कि हमने मार्च 2020 में इसका काम शुरू किया था. बीच में दो बार कोरोना आया और उसके बाद भी हमने यहां से लेबर को नहीं जाने दिया. उनकी सारी व्यवस्थाएं यहीं पर कीं और 24 घंटे लगातार काम चला, जिसका नतीजा यह है कि इसे 3 साल में पूरा कर लिया गया है. मंत्री धारीवाल ने कहा कि इस रिवरफ्रंट को कोई बड़ी कंपनी चलाएगी. इसके लिए टेंडर जारी किए जा रहे हैं.


अगर सब कुछ ठीक रहा तो कंपनी को हैंड ओवर कर दिया जाएगा. फिलहाल, अगर इस तरह की संभावनाएं नहीं होती है तो यूआईटी इसे चलाएगी लेकिन हम यूआईटी पर इस तरह का बर्डेन डालना नहीं चाहते. यूआईटी में पहले ही बहुत काम है. उन्होंने कहा कि रिवरफ्रंट के बनने के साथ ही लोगों को रोजगार मिलेगा, यहां पर बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे और जहां रोजगार के साथ लोगों का व्यापार भी बढ़ेगा. यहां व्यवसाय में बूस्ट आने वाला है.


1200 करोड़ में बनकर हुआ तैयार


मंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर 1200 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. यह एक नई चीज बनी है जो दुनिया में याद रखी जाएगी. यूडीएच मंत्री ने सोमवार की सुबह चंबल रिवर फ्रंट की हर चीज को देखा उनके साथ आर्किटेक अनूप भरतरिया, यूआईटी और नगर निगम के अधिकारी भी मौजूद रहे. 


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