Chandipura Virus News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में चांदीपुरा वायरस का एक पॉजिटिव केस मिलने के बाद चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. चिकित्सा विभाग ने प्रदेश भर में इस वायरस को लेकर सावधानी बरतने और आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के लिए एडवाइजरी जारी की है. चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने प्रदेश में चांदीपुरा वायरस का केस मिलने के बाद इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए निर्देश दिए हैं.
इसके बाद विभाग ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य, मुख्य चिकित्सालय स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को एडवाइजरी के अनुसार आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि डूंगरपुर जिले में एक मरीज के सामने आने के बाद प्रदेश भर में इस रोग से बचाव और उपचार के लिए व्यवस्थाएं की गई है.
इसके साथ ही गुजरात राज्य के सीमावर्ती जिलों में विशेष सर्तकता का बरतने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से जारी विस्तृत एडवाइजरी में बीमारी के लक्षण, जांच, उपचार, बच्चा वी वेक्टर नियंत्रण के संबंध में जानकारी दी गई है. एडवाइजरी प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. गुजरात में इस रोग के मामले सामने आने पर पहले भी सर्तकता बरतने के निर्देश जारी किए गए थे.
स्वास्थ्य विभाग ने दिए ये जरूरी निर्देश
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉक्टर रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि एडवाइजरी के अनुसार एक्यूट इंसिफेलाइटिस सिण्ड्रोम से ग्रसित मरीज के सामने आने पर उसे तत्काल प्रभाव से निकटतम जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में रेफर करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि आशा, एएनएम और सीएचओ का इस रोग के संबंध में आमुखीकरण करने, संदिग्ध केस की स्थिति में हाउस-टू-हाउस सर्वे करवाए जाने, संदिग्ध या पॉजिटिव मरीज के आस-पास के घरों में बचाव और नियंत्रण गतिविधियां संचालित करने को कहा गया है.
डॉक्टर माथुर ने बताया कि सर्वे के दौरान कोई भी संदिग्ध मरीज के सामने आने पर निकटतम मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी टीम के माध्यम से सैम्पल लेकर पुणे स्थित लैब में भेजने, पॉजिटिव केस की स्थिति में मरीज के सम्पर्क में आए लोगों के भी सैम्पल पुणे भेजने के निर्देश दिए गए हैं. पॉजिटिव केस की स्थिति में पालतू जानवरों के सैम्पल पशुपालन विभाग के माध्यम से एकत्र कर संबंधित लैब में भिजवाए जाएंगे.
वहीं कोई भी संदिग्ध केस सामने आने पर सभी चिकित्सा संस्थानों को इसकी जानकारी जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय को तत्काल प्रभाव से देनी होगी. साथ ही इस रोग के केसों की दैनिक रिपोर्टिंग आईएचआईपी पोर्टल पर भी अपडेट करनी होगी. रोग के संबंध में जागरूकता हेतु आवश्यक आईईसी गतिविधियां संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं.
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