Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण के सूतक काल से ही मंगलवार 8 नवंबर को राजस्थान के प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे. चित्तौड़गढ़ के सांवलिया जी मंदिर, खाटू श्याम मंदिर, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, आदि के कपाट ग्रहण के मोक्ष तक बंद रहेंगे. हालांकि, बताया जा रहा है कि बीकानेर के करणी माता मंदिर में कोई सुआ सूतक नहीं लगता है. ऐसे में यह मंदिर ग्रहण के दौरान भी खुला रहेगा. मोक्ष के बाद मंदिर में साफ-सफाई और शुद्धिकरण किया जाएगा और फिर संध्या पूजन होगा.
जानकारी के मुताबिक, खाटूश्याम जी मंदिर में मंगलवार को पूर्ण और बुधवार को दोपहर तक कपाट बंद रहेंगे. वहीं, गोवर्धन में चन्द्रग्रहण पर प्रमुख दानघाटी मंदिर में शाम को 45 मिनट तक मंदिर के पट बंद होंगे. इसके पहले और बाद में विधिवत पूजा होगी.
चित्तौड़गढ़ के सांवलिया जी मंदिर के कपाट मंगलवार को दिनभर नहीं खुलेंगे. संध्या आरती में ही भक्तों को भगवान के दर्शन मिलेंगे. मंगलवार सुबह 5.39 से मंगला आरती और राजभोग आरती सहित दोपहर शयन झांकी के दर्शन नहीं हो सकेंगे. यानी पूरे 15 घंटे तक कपाट बंद रहेंगे. सूतक समाप्त होने के बाद मंदिर में साफ-सफाई की जाएगी और फिर रात 8.00 बजे की आरती होगे. इसके बाद रात 11.00 बजे तक भगवान के दर्शन किए जा सकेंगे.
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मंगलवार को नहीं खुलेंगे मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के कपाट
बताया जा रहा है कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के पट मंगलवार को पूरा दिन ही बंद रहेंगे. बंद कपाटों के अंदर भजन, कीर्तन और हवन होगा. ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगाजल से मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा और फिर बुधवार से नियमित दर्शन शुरू होंगे.
खाटूश्याम मंदिर के कपाट डेढ़ दिन रहेंगे बंद
जानकारी के मुताबिक, खाटूश्याम जी मंदिर के पट मंगलवार को पूरी तरह से बंद रहेंगे. यानी मंगलवार को खाटूश्याम के दर्शन नहीं किए जा सकेंगे. इसके बाद बुधवार को बाबा श्याम का तिलक और श्रृंगार किया जाएगा, जिसके बाद सुबह 4.30 से शाम 5.00 बजे तक पट बंद रहेंगे. कुछ समय बाद ही भगवान के दर्शन किए जा सकेंगे.
पुष्कर में मंगलवार सुबह 3.15 से ब्रह्मा जी मंदिर में मंगला आरती हुई. इसके बाद चंद्रग्रहण के सूतक काल को देखते हुए 5.53 से पट बंद कर दिए गए. बताया जा रहा है कि सूतक की समाप्ति के बाद शाम 6.19 पर मंदिर का शुद्धिकरण शुरू होगा और फिर शाम 7.30 बजे भगवान के दर्शन के लिए मंदिर के पट खुलेंगे.