Bastar News: छत्तीसगढ़ में एसटी एससी और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में 12% कटौती होने से प्रदेश में राजनीति गरमाई हुई है. एक तरफ जहां आरक्षण की कटौती को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह कांग्रेस सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस सरकार के मंत्री आरक्षण में कटौती को लेकर रमन सिंह पर ही आरोप मढ़ रहे हैं. बस्तर प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि बीजेपी के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के हाल ही में आए एक बयान से साफ जाहिर होता है कि रमन सिंह ने जानबूझकर आरक्षण के फाइल को सही समय पर नहीं भेजा. बीजेपी मंत्रिमंडल के कमेटी ने हाईकोर्ट के निर्देश पर रिपोर्ट को सुधार कर दिया था, लेकिन रमन सिंह ने इस फाइल को दबा दिया था और इस वजह से सही समय पर इसे पेश नहीं किया गया.
आदिवासियों को होगा नुकसान
मंत्री ने कहा कि जब वर्तमान कांग्रेस सरकार ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश किया तो हाईकोर्ट ने पुरानी कमेटी की रिपोर्ट को ही पेश करने का हवाला देते हुए कांग्रेस सरकार की रिपोर्ट को रिजेक्ट कर दिया. कवासी लखमा ने कहा कि पूर्व गृहमंत्री एक आदिवासी नेता है और आदिवासी झूठ नहीं बोलते हैं. इसलिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की पोल खोल दी. रमन सिंह के वजह से आरक्षण में 12% कटौती हुई है. जिससे आदिवासियों को इससे भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
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पूर्व सीएम पर लगाया आरोप
मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि यह बेहद ही दुख की बात है कि एससी एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों के आरक्षण में 12% कटौती कर दी गई है और इसके जिम्मेदार तत्कालीन बीजेपी सरकार के मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह हैं. केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के 12 जनजातियों को आरक्षण तो जरूर दिया, लेकिन रमन सिंह के लापरवाही के चलते आरक्षण में 12% कटौती हो गई.
पूर्व गृह मंत्री ने किया खुलासा
इस आरक्षण कमेटी के अध्यक्ष रहे प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने इसका खुलासा किया है. ननकीराम कंवर ने अपने बयान में कहा कि आदिवासी नेता होने के नाते वे इस कमेटी के अध्यक्ष थे और तत्कालीन बीजेपी सरकार के 5 मंत्री इस कमेटी के सदस्य थे. हाईकोर्ट के आदेश पर आरक्षण की रिपोर्ट में काफी कुछ सुधार किया गया और जिसके बाद ननकीराम कंवर ने इस रिपोर्ट को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को सौंप दिया था, लेकिन उसके बाद कई सालों तक रिपोर्ट को हाईकोर्ट में पेश नहीं किया गया. कवासी लखमा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने आरक्षण में हुए 12% कटौती को लेकर सरकारी वकील के माध्यम से रिपोर्ट बनाई और इसे हाईकोर्ट में पेश किया, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे रिजेक्ट कर दिया. रिजेक्ट करने के पीछे पुरानी कमेटी के ही रिपोर्ट को पेश करने का हवाला दिया.
सांसद ने लगाया सरकार पर आरोप
बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सही रिपोर्ट बनाकर पेश नहीं कर पाए इसलिए हाईकोर्ट ने वर्तमान सरकार के रिपोर्ट को रिजेक्ट किया है और इसका नुकसान छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को उठाना पड़ रहा है.
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