Rajasthan Viral News: सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो से मशहूर हुईं मूमल मेहर (Moomal Meher) ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (Rajasthan Cricket Association) के चेयरमैन वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) और अपने परिजनों के साथ जोधपुर के सर्किट हाउस में सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से मुलाकात की.इस दौरान सीएम गहलोत ने मूमल को दो लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की.वैभव गहलोत ने उसके सपनों को साकार करने के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है.


दरअसल राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक छोटे से गांव शिव तहशील के शेरपुर का कानासर गांव की निवासी 13 साल की मूमल मेहर के क्रिकेट खेलने का जबरदस्त अंदाज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसके बाद मूमल मेहर रातों-रात स्टार बन गई. हर कोई उसकी मदद के लिए आगे आने लगा. मूमल मेहर के वीडियो को सचिन तेंदुलकर के अलावा कई फिल्म स्टारों और राजनेताओं ने भी शेयर किया है.


रेगिस्तान के रेतीले धोरों से निकली क्रिकेट की सनसनी


रेगिस्तान के रेतीले धोरों के बीच एक छोटे से गांव में अपने बैट से क्रिकेट के मैदान में चौके-छक्कों की बरसात करने वाली मूमल मेहर को आज देश दुनिया में पहचान मिली है. सर्किट हाउस में मूमल मेहर ने एबीपी न्यूज़ से एक खास बातचीत में बताया कि कैसे उसने क्रिकेट खेलना शुरू किया. मूमल के परिवार में दो भाई और सात बहनें हैं.उसके पिता पेशे से वकील हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा ठीक भी नहीं है. क्रिकेट के मैदान में कई बार मूमल मेहर बिना चप्पल के ही उतरती है.बैट से लंबे लंबे शॉट लगाती है. मानो जैसे चौके-छक्कों की बरसात हो रही है.


कौन भारतीय क्रिकेटर है मूमल की प्रेरणा


मूमल मेहर ने बताया कि शुरुआत में मैं जब टीवी देखती थी तो भारतीय टीम के खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव की बैटिंग देखकर लगता था कि मुझे भी क्रिकेट खेलना चाहिए, क्योंकि मेरी बड़ी बहन अंडर-19 क्रिकेट खेल चुकी है. अब मेरा सपना है कि मैं वुमन इंडियन टीम से खेलूं.उसने बताया कि सीएम अशोक गहलोत और आरसीए चेयरमैन वैभव गहलोत मदद का आश्वासन दिया है.उसने बताया कि मेरे सपनों को पूरा करने के पंख मिल गए हैं, परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है. इसके चलते मूमल मेहर में टैलेंट होते हुए भी उसे परिवार के लोग क्रिकेट की सही ट्रेनिग नहीं दिला पा रहे थे. फिलहाल,उसके स्कूल के कोच रोशन खान मूमल मेहर को क्रिकेट की बारीकियां समझाते हैं. वो रोजाना 3-4 घंटे प्रैक्टिस भी करवाते हैं.


मां का हाथ बंटना और बकरियां चराना


मूमल को पढ़ाई के साथ मां के घर के कामों में भी हाथ बंटाना पड़ता है.घर की बकरियां भी चरानी पड़ती है.मूमल मेहर के पिता ने बताया कि हम जिस समाज में रहते हैं, वहां पर महिलाओं के प्रति कई सारे प्रतिबंध है पहनावे के कपड़ो से लगाकर क्रिकेट खेलने पर भी प्रतिबंध है. समाज की इन चुनौतियों के बावजूद मैंने अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहा हूं.


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