Udaipur News: बाल विवाह की रोकथाम के लिए राजस्थान में लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं, रैलियां निकाली जा रही हैं. इसके बावजूद भीलवाड़ा जिले में कुछ ऐसा हुआ, जिसने सभी को हैरान कर दिया. यहां एक या दो नहीं प्रशासन की नाक के नीचे 10 नाबालिग जोड़ों का बाल विवाह होने का मामला सामने आया है. बड़ी बात तो यह रही कि इतना बड़ा कार्यक्रम हो गया और किसी को कानों-का खबर तक नहीं लगी. यह घटना प्रशासनिक एजेंसियां जैसे आंगनवाड़ी, चाइल्ड लाइन सहित अन्य पर सवालिया निशान खड़ा कर रही हैं. आपको बता दें कि राजस्थान का भीलवाड़ा जिला बालविवाह के मामले में पूरे देश में सबसे बदनाम है. देश में सबसे ज्यादा बाल विवाह इसी जिले में होते हैं.


बाल विवाह समारोह में 1500 लोगों की शिरकत
भीलवाड़ा जिले की मांडल तहसील क्षेत्र हुआ यह सामूहिक शादी समारोह कोई सामान्य नहीं था. इसमें रिशेप्सन हुआ और बताया जा रहा है कि करीब 1500 लोग कार्यक्रम में खाना खाने भी पहुंचे. इनमें से ही किसी ने वीडियो और फोटो लेकर  सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जिसके बाद प्रशासन में अफरा तफरी मच गई. वीडियो-फोटो सामने आने के बाद गुरुवार शाम को प्रशासन अलर्ट हुआ और बाल कल्याण समिति ने मांडल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. काेचरिया गांव और अन्य जगह से बरातें 19 अप्रैल की शाम काे लांगराें का खेड़ा पहुंचीं. वहां धूमधाम से रिसेप्शन हुआ और 10 बाल जाेड़ाें काे स्टेज पर बिठाकर फाेटाेग्राफी और वीडियाेग्राफी भी करवाई गई. बरातें दूसरे दिन बुधवार काे रवाना हाे गईं.
 
मामले में दर्ज हुआ केस
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गिरीश कुमार पांडे ने एबीपी को बताया कि सूचना मिलने के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. समिति इस मामले में मौके पर पहुंचकर जांच कर रही है. वहीं, बाल आयोग के सदस्य शैलेन्द्र पंड्या ने कहा कि सूचना मिलने पर संज्ञान लिया है. अब वीडियोग्राफी के अनुसार देखा जाएगा कि हलवाई, बेंड, परिवार सहित अन्य कौन-कौन इसमें शामिल थे, फिर इन पर कार्रवाई होगी.


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