Child Marriage Prohibition: राजस्थान की राजधानी जयपुर में अब बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन तीन महीने बड़ा अभियान चलाएगा. जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने एक आदेश जारी कर जयपुर जिले में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के तहत बाल विवाह रोकने के लिए निरोधात्मक और दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं.
अक्षय तृतीय, पीपल पूर्णिमा सहित अन्य अवसर पर होने वाले बाल विवाहों के आयोजन की प्रभावी रोकथाम के लिए 1 अप्रैल 2023 से 30 जून 2023 तक आमजन में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत विवाह योग्य लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की आयु 18 वर्ष होना अनिवार्य है. इसलिए बाल विवाह की रोकथाम के लिए ग्राम स्तर पर विद्यालय प्रधानाचार्य और ग्राम विकास अधिकारी सहित 6 सदस्यीय टीमें गठित की गई हैं.
देनी होगी चाइल्ड मैरिज की सूचना
टीम को नाबालिगों के विवाह की सूचना संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट या पास के पुलिस स्टेशन को देनी होगी. सूचना मिलने के बाद संबंधित अधिकारी बाल विवाह रुकवाने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे और संबंधित न्यायिक मजिस्ट्रेट से निषेधाज्ञा प्राप्त कर बच्चों के बाल विवाह नहीं करने के लिए आयोजकों और अभिभावकों को पाबंद करेंगे.
खूब आ रही थीं शिकायतें
बाल विवाह को रोकने के लिए पिछले कई महीने से राजस्थान में अलग-अलग शिकायतें आ रही थीं. इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाने का प्रयास किया है. सरकार को उम्मीद है कि इससे बेहतर परिणाम आ जाएंगे.
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