Children’s Day 2022: 20 नंबर को कोटा बैराज के 62 साल होंगे पूरे, 1960 में जवाहरलाल नेहरू ने किया था लोकार्पण
Jawaharlal Nehru Birth Anniversary: पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू के कारण ही राजस्थान और मध्यप्रदेश में लाखों हेक्टेयर भूमि सिंचित हो रही है. इसके अलावा नेहरू जी की और भी यादें कोटा से जुड़ी हुई हैं.
Jawaharlal Nehru Birth Anniversary: देशभर में बाल दिवस उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है. पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर बच्चों के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. जनप्रतिनिधि भी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं. जवाहरलाल नेहरू का कोटा से गहरा रिश्ता रहा है. चाचा नेहरू का कोटा के विकास में बड़ा योगदान है. चंबल के इस पार से उस पार तक चार बाधों में से एक कोटा बैराज (Kota Barrage Dam) की नींव उन्होंने ही रखी थी. जवाहरलाल नेहरू ने 1960 में कोटा की जनता को बैराज सौंपा था. इसके अलावा पार्क और शिक्षा का एक मंदिर भी चाचा नेहरू की याद दिलाता है.
62 बरस का हो गया कोटा बैराज बांध
कोटा बैराज का लोकार्पण 20 नवंबर 1960 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था. 20 नवंबर को कोटा बैराज 62 साल का होने जा रहा है. छह दशकों से कोटा के विकास की गाथा लिख रहा है. लाखों शहरवासियों की प्यास चंबल पर बने कोटा बैराज से बुझ रही है. साथ ही मध्यप्रदेश की जमीन को सिंचित कर सरसब्ज कर रहा है. अधिशासी अभियंता भारत रत्न गौड ने बताया कि कोटा बैराज बांध का निर्माण कार्य 1953 में शुरू हुआ था. 20 नवंबर 1960 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लोकार्पण के बाद जनता को सौंप दिया. कोटा बैराज के 19 गेट, भराव क्षमता 112.6 मिलीयन क्यूबिक मीटर है. कोटा, बूंदी शहर और औद्योगिक क्षेत्र में बैराज से पानी की आपूर्ति की जाती है.
लाखों हेक्टेयर भूमि को देता है जल
कोटा बैराज बांध के पानी से राजस्थान में मध्य प्रदेश की 4 लाख 58 हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित हो रही है. इसके अलावा नेहरू जी की और भी यादें कोटा से जुड़ी हुई हैं. रियासत कालीन जवाहरलाल नेहरू राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्टेशन क्षेत्र में बना हुआ है. 12वीं कक्षा तक के विद्यालय से सैकड़ों बच्चे देश दुनिया में नाम रोशन कर चुके हैं. विद्यालय में हॉकी का प्रशिक्षण केंद्र भी संचालित किया जाता रहा है. प्रशिक्षण प्राप्ति के बाद खिलाड़ियों ने हॉकी की राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में नाम कमाकर विद्यालय का नाम रोशन किया है. विद्यालय में पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा भी लगी हुई है. हर कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ की जाती है. जवाहर लाल नेहरू की ही देन है कि आज कोटा में चंबल जीवनदायनी होने के साथ बना बैराज बांध हमेशा उनकी याद दिलाता रहेगा.