Kaun Banega Crorepati 14: क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) के मंच से 50 लाख की राशि जीतकर चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) जिले की रहने वाली सोनू भारती नागदा वापस लौट आई हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा में हेड कैशियर सोनू भारदी नागदा के परिवार में माता-पिता और दो छोटी बहने हैं. पिता ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं और मां गृहणी हैं. सोनू बताती हैं लंबे प्रयास के बाद शो तक पहुंचने में कामयाब रहीं. उन्होंने चार साल पहले रजिस्ट्रेशन किया था. चार साल बाद केबीसी के हॉट सीट तक पहुंचने का नंबर आया. उनका कहना है कि केबीसी में जाने के लिए चार तरीके हैं. मेरा सलेक्शन रजिस्ट्रेशन के जरिए हुआ. रजिस्ट्रेशन सीजन शुरू होने पर ही किया जाता है.


केबीसी की सभी लाइफ लाइन का हो चुका था इस्तेमाल


केबीसी में फास्टेस्ट फिंगर पर जैसे ही अमिताभ बच्चन ने मेरा नाम पुकारा तो आंखों से आंसू आ गए. फिर आंसू पोंछकर क्विज शो खेलना शुरू किया. भारती ने बताया कि टेलीविजन पर शो 23 और 24 नवंबर को टेलीकास्ट हुआ है. खेल के दौरान अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने सवाल पूछा था कि दो नाम क्यों, इसके पीछे का कारण बताया कि जब जन्म हुआ तो नानाजी ने भारती नाम रखा और दादाजी ने सोनू. पिता गोविंद नागदा ने दोनों का सम्मान रखते हुए सोनू भारती नाम रख दिया. खेल की बात बताते हुए सोनू ने कहा कि 50 लाख के सवाल तक सभी लाइफ लाइन खत्म हो चुकी थी. 75 लाख के सवाल का जवाब मालूम नहीं होने की वजह से गेम को छोड़ने का फैसला किया.




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75 लाख के सवाल को छोड़कर क्विज शो से आई बाहर


उन्होंने बताया कि 50 लाख के सवाल का जवाब सुनकर अमिताभ बच्चन कुछ देर तक रुके और फिर जोर से बोले. आप जीत चुके हैं 50 लाख रुपए. तब खुशी के आंसू टपकने लगे. सोनू भारती ने कहा कि केबीसी में आपको महानायक अमिताभ बच्चन मिलेंगे. उनको देखते ही सब कुछ भूल जाते हैं. सामने होते हैं तो लोग एकटक देखते रहते हैं. इतनी उम्र के बाद भी एनर्जी के साथ काम करते हैं. अमिताभ को देखते ही कॉन्फिडेंस कम हो जाता है लेकिन सच्चाई है कि केबीसी जीतने के लिए कॉन्फिडेंस बहुत जरूरी है क्योंकि नॉलेज तो सभी के पास होता है. केबीसी के सवाल आपकी तैयारी से अलग होते हैं.


उन सवालों के जवाब देने के लिए कॉन्फिडेंस होना जरूरी है. पिता गोविंद नागदा ने बताया कि बेटियों की अच्छी एजुकेशन के लिए 22 साल पहले मध्यप्रदेश के नीमच जिले से चित्तौड़ आए थे. नीमच में गांव के शहर से दूरी होने पर बच्चों को स्कूल जाने में तकलीफ होती थी. राजस्थान की पढ़ाई सही लगी तो आ गए. सोनू ने राजस्थान आकर 7वीं क्लास में एडमिशन लिया. पिता बताते हैं कि सोनू भारती बचपन से ही पढ़ने में होशियार थी. 2012 में सोनू ने भीलवाड़ा से BTech और उदयपुर से MTech किया है.