Rajasthan: चित्तौड़गढ़ के व्यापारी ने सांवलिया सेठ को भेंट किया चांदी का पेट्रोल पंप, लगाया 56 भोग
Sanwaliya Seth Mandir News: सांवलिया सेठ मंदिर पर हमेशा भक्तों का तांता लगा रहता है. मान्यता है कि यहां पर मांगी गई मन्नत हमेशा पूरी होती है. मन्नत पूरी होने के बाद लोग कीमती भेंट अर्पित करते हैं.
Chittorgarh News: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया स्थित प्रसिद्ध कृष्ण धाम है, जिसका नाम है सांवलिया सेठ. यहां पर रोजाना बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर पर भक्त मन्नतें मांगते हैं, मन्नत पूरी होने के बाद कई लोग सांवलिया सेठ को कीमती भेंट प्रदान करते हैं. इसी क्रम में बुधवार (24 जनवरी) को एक व्यापारी ने सांवलिया सेठ मंदिर में कीमती चांदी का पेट्रोल पंप भेंट किया है. यहीं नहीं व्यापारी ने 56 भोग अर्पित किया है. इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लगी हुई थी.
मेवाड़ में कृष्ण धाम की बात करें तो दो सबसे बड़े प्रसिद्ध कृष्ण धाम हैं, जिसमें से एक राजसमंद जिले के नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी और दूसरा चित्तौड़गढ़ जिले में सांवलिया सेठ का मंदिर है. सांवलिया सेठ मंदिर में राजस्थान सहित मध्य प्रदेश, गुजरात के अलावा अन्य राज्यों के लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. यहां पर हर माह भंडारे का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें करोड़ों रुपये की राशि निकलती है. इस माह करीब 12.50 करोड़ रुपये के राशि प्राप्त हुई. इसके अलावा सोना और चांदी सहित कई कीमती चीजें भेंट के रुप में चढ़ाई जाती हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां पर जो भी मन्नत मांगी जाती है, वह पूरी होती है. मन्नत पूरी होने के बाद भक्त अपनी श्रद्धा अनुसार कई बड़ी भेंट यहां पर करते हैं.
व्यापारी ने चढ़ाई कीमती भेंट
सावंलिया सेठ मंदिर में जिस व्यापारी ने पेट्रोल पंप भेंट किया है, उनका देवेंद्र सोमानी है. देवेंद्र सोमानी चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन के रहने वाले हैं. वह पेशे से आयरन व्यापारी हैं. इन्होंने 1 किलो 455 ग्राम चांदी का पेट्रोल पंप सांवलिया सेठ को भेंट किया है. यहीं नहीं भगवान को 56 भोग भी अर्पित किया है. उन्होंने बताया कि जो भी मेरे पास हैं, यह सब भगवान सांवरा की देन है. बिना मांगे सांवरा ने बहुत कुछ दिया है. मैंने एक पेट्रोल पंप खोला थे, सांवरा के आशीर्वाद से सब कुछ ठीक चल रहा है. इसलिए सांवरा सेठ को यह भेंट किया है. मन में यह भी था कि 56 भोग धराऊंगा, इसलिए 56 भोग का आयोजन किया.
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