Narcotics Control Bureau Action: राजस्थान (Rajasthan) का चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) जिला और मध्य प्रदेश का नीमच जिला, दोनों अफीम उत्पादन के बड़े क्षेत्र माने जाते हैं. उत्पादन ज्यादा होता है तो तस्करी भी भारी मात्रा में होती है. इस पर पुलिस के साथ-साथ नारकोटिक्स विभाग भी कार्रवाई करती है. रविवार 25 सितंबर को नारकोटिक्स विभाग ने चित्तोड़गढ़ जिले के कपासन क्षेत्र में चौकाने वाली कार्रवाई की.
नारकोटिक्स विभाग ने अपनी सूचना पर एक घर में छापा मारा. पूरे घर की तलाशी ली लेकिन कुछ सामने नहीं मिला. नारकोटिक्स विभाग की टीम जब किचन में पहुंची तो उसके नीचे अंडरग्राउंड टैंक था. नारकोटिक्स विभाग की टीम ने जब उसमें देखा तो चौंक गए. उन्होंने वहां से अफीम और डोडा चुरा बरामद किया.
4 किलो अफीम और 207 किलो डोडा पोस्त निकला
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नशीली दवाओं के खिलाफ कार्रवाई को जारी रखते हुए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) नीमच को एक विशेष खुफिया जानकारी मिली. इसी के आधार पर जिले के कपासन तहसील के पंडोली गांव के एक घर में छापा मारा. नारकोटिक्स विभाग की टीम घर पहुंची और तलाशी शुरू की. घर के हर हिस्से को देखा और सर्च किया लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा. फिर तलाशी करते हुए किचन में पहुंचे. यहां एक ढक्कन दिखाई दिया जिसे खोला तो उसके अंदर अंडर ग्राउंड टैंक निकला.
टैंक के झांककर देखा तो उसमें बाल्टी और कुछ कट्टे पड़े हुए थे. कट्टों और बाल्टी को निकाला तो उसमें डोडा चुरा और अफीम निकली. विभाग की टीम ने बरामद सामान का तोल करवाया तो करीब 4 किलो अफीम और 207 किलो डोडा पोस्त निकला. इस मामले में नारकोटिक्स विभाग ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जिसका नाम सामने नहीं आया है.
आए दिन होती रहती है कार्रवाई
चित्तौड़गढ़ जिले से लगाकर, उदयपुर का कुछ हिस्सा, मध्य प्रदेश के नीमच-मंदसौर जिले में अफीम का उत्पादन होता है. नियमों के अनुसार सरकार को बेचने के बाद कुछ उत्पादक इसे अपने पास रख लेते हैं और फिर इसका अवैध तस्करी में उपयोग करते हैं. लाखों रुपए में अफीम को बेचा जाता है.