Rajasthan News: कानून के रखवाले ही आम जनता का विश्वास तोड़ने लगें तो आम लोग मदद के लिए किसके पास जाएं. ऐसा ही एक मामला राजस्थान में चुरू पुलिस के सामने आया है. 48 दिन बाद भी किडनैप नाबालिग नहीं मिली तो पुलिस (Churu Police) की बेरुखी से परेशान ताऊ ने जहर पी लिया. पुलिस की मदद तो नहीं मिली लेकिन मौत तो जरूर मिल गई. राजस्थान के चुरू जिले के रावत नगर पुलिस थाना क्षेत्र के हुणतपुरा गांव से एक 17 साल की नाबालिक लड़की के किडनैप के करीब 48 दिन बाद भी पुलिस की ओर से नाबालिग को बरामद नहीं करने से आहत उसके 54 वर्षीय ताऊ सुरजाराम ने 17 दिसंबर को खेत में रखे एल्ड्रिन (जहरीला पदार्थ) पी लिया था. 


जहर पीने से हो गई मौत
इसके बाद उनका जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा था और गुरुवार को उनकी मौत हो गई. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के बाहर शव रखकर धरना प्रदर्शन किया. कलेक्टर से हुई वार्ता में 7 में से 5 मांगों पर सहमति बन गई. आरोपियों को 5 दिन में डिटेन करने, तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने और तीन पर मामला दर्ज करने की बात पर सहमति बनने के बाद प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया.


बीजेपी ने लगाया आरोप
वहीं बीजेपी के उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के नेतृत्व में शुक्रवार सुबह कलेक्ट्रेट के सामने शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया गया. शर्म करो, शर्म करो के नारे लगाते हुए बीजेपी के पदाधिकारियों और ग्रामीणों की ओर से कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया गया. इस दौरान उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि जिले में यह पहला मौका है जब एक नाबालिक के किडनैप के बाद उसकी बरामदगी के लिए परिवार के लोग पुलिस की गुहार लगाते रहे. नाबालिक लड़की का ताऊ पुलिस से कहता रहा कि मेरी भतीजी नहीं मिली तो मैं जहर पी लूंगा. इसके जवाब में जांच अधिकारी यह कहता है कि कल पीते आज ही पी लो जिससे आहत होकर सुरजाराम ने जहर पी लिया. वे 5 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ते रहे और आखिर गुरुवार को उनकी मौत हो गई. पुलिस प्रशासन को बार-बार बताने के बाद भी उन्होंने कोई भी कार्यवाही नहीं की. 


धरना जारी रखने की चेतावनी
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि रतननगर सीआई को हाईवे पर खड़े होकर चौथवसूली करना अच्छा लगता है. अगर पुलिस इसमें जांच करने की कोशिश करती तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता. आज हम सभी शव के साथ यहां बैठे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं करते, मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा नहीं देते और दोषी पुलिसकर्मियों के गिरफ्तार नहीं होने तक प्रदर्शन और धरना जारी रहेगा 


इन बातों पर बनी सहमति
कलेक्ट्रेट के बाहर धरना स्थल पर बड़ी संख्या में आए ग्रामीणों और बीजेपी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. कलेक्ट्रेट के सामने बड़ी संख्या में पुलिस और आरएसी के जवानों को तैनात किया गया. पीड़ित परिवारों की ओर से रखी गई मांगों पर प्रशासन के साथ उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की वार्ता हुई. इसमें 7 मांगों में से पांच मांगो पर सहमति बनी. पुलिस और प्रशासन ने किडनैप नाबालिग को 5 दिन में बरामद करने, नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने, मामले के जांच अधिकारी एसआई श्याम लाल, एचसी भंवर लाल और मदनलाल को सस्पेंड करने, तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने, मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से मुआवजा देने की मांग पर सहमति बनी. इसके बाद कलेक्ट्रेट के बाहर से धरना स्थगित किया गया.


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