Somvati Amavasya 2022: चूरू के नई सड़क स्थित भारतीया कुआ बालाजी मंदिर में आज सोमवती अमावस्या पर शहर में महिलाओं और श्रद्धालुओं ने बड़ की पूजा-अर्चना की. उन्होंने देश और राज्य में खुशहाली की मंगल कामना की. धार्मिक दृष्टि से सोमवती अमावस्या का बहुत ही ज्यादा महत्व बताया गया है. इस दिन शिवजी और पितरों की पूजा करना कई गुणा लाभ प्रदान करता है. सुहागन महिलाएं इस दिन शिव पार्वती की पूजा करके अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं और सोमावती देवी से आशीर्वाद मांगती हैं कि जैसे उनका सुहाग अखंडित रहा वैसे ही उनका भी सौभाग्य और सुहाग बना रहे.


आज के दिन करना चाहिए दान


अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने गायों को गुड़, दलिया, बाजरा, गेंहू, तिल आदि का दान कर पूण्य कमाया. श्रद्धालुओं ने शहर के मंदिरों में जाकर भगवान की पूजा अर्चना की. आज के दिन दान करने पर श्रद्धालुओं के कष्टों का निवारण होता है. प्रत्येक मनुष्य को आज के दिन दान धर्म करना चाहिए. जिससे मन को संतुष्टि मिलती है. श्री विश्वकर्मा मंदिर प्रबंध समिति द्वारा अंचल में विशेष धर्म का दिन रहा. वर्षों बाद सुकर्मा योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और बुधादित्य योग में वट सावित्री का व्रत और बड़ अमावस्या, सोमवती अमावस्या का पूजन किया गया.


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सोमवती अमावस्या पर आज मनाई जा रही शनि जयंती


इस वर्ष कई वर्षों के बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है कि सोमवती अमावस्या के दिन अमावस्या तिथि के स्वामी शनि देव की भी जयंती मनाई जाएगी. लेकिन इस बार की सोमवती अमावस्या का महत्व यहीं तक नहीं है. इस बार सोमवती अमावस्या के दिन ही सुहाग का पर्व वट सावित्री भी है. और इस पर सोने पर सुहागा यह है कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग उपस्थित हो रहा है. साथ ही 30 साल बाद शनि महाराज अपने जन्मदिन पर अपनी राशि कुंभ में होंगे.


ये करने से बढ़ेगा आपसी प्रेम


शुभ संयोगों के बीच इस साल सोमवती अमावस्या का होना सुहागन महिलाओं के बहुत ही खास है. इस दिन पीपल और वट की पूजा करना बहुत ही पुण्य दायक होगा. जल में दूध, अक्षत, चीनी, फूल, और शहद मिलाकर वट वृक्ष को देना अत्यंत ही शुभ फलदायी रहेगा. सुहागिनों को इससे सौभाग्य की प्राप्ति होगी और पारिवारिक जीवन में चल रही उलझनों और दूरियों में कमी आएगी और आपसी प्रेम बढ़ेगा.


राहगीरों को पिलाया गया शीतल पेय


श्री विश्वकर्मा मंदिर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से गर्मी से राहत दिलाने के लिए नई सड़क पर राहगीरों को नींबू की शिकंजी पिलाई गई. समिति के सदस्य ने बताया कि इन दिनों नौतपा चल रहा है. सूर्यदेव के ऊपर तेवरों के चलते आम लोग परेशान हैं. इस को ध्यान में रखते हुए समिति के सदस्यों ने मंदिर प्रांगण के बाहर लोगों को शिकंजी पिलाने का निर्णय किया गया था. शिकंजी पिलाने पर भी प्रबंध समिति के सदस्यों का लोगों ने आभार व्यक्त किया. 


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