Kota News: राजस्थान के शहरी विकास एवं आवास मंत्री (यूडीएच) मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार पर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का काम अटकाने का गंभीर आरोप लगाया था. जिसके बाद अब राजस्थान के कोटा और बूंदी के बीजेपी विधायकों ने यूडीएच मंत्री व कांग्रेस सरकार पर पलटवार किया है. बीजेपी विधायकों ने राजस्थान के मंत्री के इस बयान को असत्य और भ्रामक बताया है. विधायकों ने बयान जारी कर कहा कि वन भूमि के डायवर्जन का पैसा नगर विकास न्यास को ही जमा करवाना था. बार-बार पत्र लिखे जाने के बाद भी पैसा जमा नहीं करवाया, इस कारण एयरपोर्ट अथॉरिटी को वन भूमि के उपयोग के अधिकार अब तक नहीं मिले हैं.
इस मामले में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वयं तय किया था कि डायवर्जन करवाने की कार्यवाही यूआईटी कोटा करवाएगी. इसका उल्लेख मंत्रिमंडल की आज्ञा में भी किया गया था. यूआईटी की ओर से बकाया 38.95 करोड़ वन विभाग को जमा नहीं करवाने के कारण ही डायवर्जन अटका हुआ है. राज्य सरकार की एयरपोर्ट अथॉरिटी को जमीन उपलब्ध कराने की मंशा ही नहीं है. बूंदी विधायक अशोक डोगरा ने कहा कि यूडीएच मंत्री डायवर्जन के लिए पहली किश्त में यूआईटी के द्वारा 21.13 करोड़ जमा करवाने की बात कह रहे हैं. वे एक भी उदाहरण दें जब आंशिक राशि जमा करवाकर वन भूमि का डायवर्जन हुआ हो. वन भूमि के डायर्वजन की सैद्धांतिक स्वीकृति फरवरी 2023 में ही जारी हो गई थी, लेकिन न्यास द्वारा राशि जमा नहीं करवाने के कारण 8 माह बाद भी डायवर्जन के अंतिम आदेश जारी नहीं हो सके.
कोटा संभाग की जनता का अपमान किया- मदन दिलावर
रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर ने कहा कि ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए भार रहित (लायबिलिटी फ्री) भूमि उपलब्ध करवाने का दायित्व राज्य सरकार का होता है. ऐसे में यह कथन भी असत्य है कि ग्रिड लाइन हटाने का कार्य परियोजना लागत में आता है. केशवरापाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने कहा कि धारीवाल यूआईटी के 33 हेक्टेयर भूमि में काम शुरू करने की बात कर रहे हैं. यह कह कर उन्होंने कोटा सहित सम्पूर्ण हाड़ौती की जनता की भावनाओं का अपमान किया है. धारीवाल बताएं कि वे कोटा में सर्वसुविधा युक्त आधुनिक एयरपोर्ट चाहते है, या यहां से सिर्फ ग्लाइडर उड़ते देखना चाहते हैं.
कोटा में हर हाल में बनेगा एयरपोर्ट- कल्पना देवी
लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने कहा कि राज्य सरकार की गलतियों को छिपाने के लिए यूडीएच मंत्री जानबूझ कर मामला केंद्र सरकार पर डालने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि कोटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट से संबंधित कोई भी विषय केंद्र सरकार के स्तर पर लंबित नहीं है. इसके उलट केंद्र सरकार जमीन हस्तांतरित होने से पूर्व ही डीपीआर तैयार करने का कायार्देश जारी कर चुकी है. कोटा में हर हाल में बनेगा एयरपोर्ट सभी विधायकों ने कहा कि राज्य सरकार तथा उसके विभिन्न विभाग ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए आवश्यक राशि जमा करवा कर वन भूमि के उपयोग का अधिकार एयरपोर्ट अथॉरिटी को दिलाएं. यदि अभी कांग्रेस सरकार यह पैसा जमा नहीं करवाती है तो दो माह बाद भाजपा सरकार यह राशि जमा करवाएगी. कोटा का ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट हर हालत में बनेगा.
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