Jodhpur News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने जा रहे हैं. इस चुनावी साल में सभी दल मतदाताओं को लुभाने के लिए मैदान में उतर चुके हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) कांग्रेस की सरकार को रिपीट करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.प्रदेश सरकार जनता के लिए 24 अप्रैल से महंगाई राहत कैंप शुरू करने जा रही है. लेकिन इन महंगाई राहत केंपों पर संकट के बादल गहराते नजर आ रहे हैं. राजस्थान सरकार के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.महंगाई राहत शिविर से जुड़े हुए कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से इन कैंपों को लेकर सरकार के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.


अशोक गहलोत सरकार की कोशिश


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 24 अप्रैल से प्रदेश भर में महंगाई राहत शिविर का आयोजन करने जा रहे हैं.इस कार्यक्रम को लेकर प्रदेश भर में होर्डिंग लगाए गए हैं.इन कैंपों को सफल बनाने की जोरदार कोशिशें की जा रही हैं.इन कैंपों को गहलोत की ओर से से चुनावी दांव बताया जा रहा हैं.इसे महंगाई से आमजन को राहत देने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.लेकिन कैंप से पहले ही राजस्व,खाद और मंत्रालय कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं.इस हड़ताल ने सरकार और प्रशासन की नींद उड़ाकर रख दी है. अब सवाल उठ रहा है कि जब कर्मचारी ही हड़ताल पर हैं तो शिविर का संचालन कौन करेगा? क्या राज्य में 24 अप्रैल से शुरू हो रहे महंगाई राहत कैंप सफल हो पाएंगे? 


राजस्व विभाग के तहसीलदार,नायब तहसीलदार,गिरदावर,पटवारी समेत कई कर्मचारी वेतन विसंगति, पदोन्नति और अन्य मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसको लेकर 20 और 21 अप्रैल को राजस्व विभाग अधिकारियों और कर्मचारियों ने तहसील मुख्यालय पर धरना दिया था.उन्होंने मांगे नहीं माने जाने पर सोमवार से कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी थी. 


कई विभागों के कर्मचारी हैं हड़ताल पर 


गहलोत सरकार ने महंगाई राहत कैंप में लोगों को फूड पैकेट वितरित करने घोषणा की है. लेकिन कैंप से पहले राजस्थान खाद्य और आपूर्ति सेवा समिति में शामिल जिला रसद अधिकारी व प्रवर्तन अधिकारी और प्रवर्तन निरीक्षकों ने एक हफ्ते के कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है. ऐसे में जब खाद्य विभाग के अधिकारी हड़ताल पर रहेंगे तो शिविर में फूड पैकेट वितरण की सरकार की मंशा कैसे पूरी होगी? 


राजस्थान राज्य मंत्रालय के एक लाख कर्मचारी 6 दिन से हड़ताल पर हैं.वे वेतन विसंगतियों और पदोन्नति के मामले को लेकर जयपुर के मानसरोवर में महापड़ाव डाले हुए हैं.सरकार ने वार्ता के बाद उनकी प्रमुख मांगों को मानने का आश्वासन दिया था. लेकिन अभी तक मांगों को लेकर सरकार ने कोई आदेश जारी नहीं किया है.


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