Rajasthan Politics: CM गहलोत के सलाहकार ने अपनी ही सरकार को घेरा, शिक्षा और खनन मंत्री से किए ये सवाल
Rajasthan News: संयम लोढ़ा ने सवाल किया कि 10वीं-12वीं की डिग्री क्यों देते हैं, जब बच्चों को कोचिंग सेंटर ही जाना पड़ता है? वहीं बजरी माफिया ने परेशानी बढ़ा दी है. गांव में काम नहीं हो रहा है.
Rajasthan Assembly Session: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के सलाहकार और सिरोही के विधायक संयम लोढ़ा (Sanyam Lodha) ने शिक्षा और खनन मामले में अपनी ही सरकार के मंत्रियों को चेताया है. उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी है. संयम लोढ़ा ने यह भी बताया कि कैसे सरकार काम करा रही है, लेकिन उसके लिए यहां पर मंत्री मनमानी कर रहे हैं.
अशोक गहलोत के सलाहकार ने मुख्यमंत्री की योजनाओं की खूब तारीफ की है, लेकिन उन्होंने गहलोत सरकार के मंत्री को ही कड़ी फटकार लगा दी है. संयम लोढ़ा पिछले कई दिनों से अशोक गहलोत को लेकर चर्चा में हैं.
'बजरी माफिया से विधायक डरे'
संयम ने कहा कि बजरी के लिए प्रति टन 480 से लेकर 650 रुपये वसूल किये जा रहे हैं, जबकि महाराष्ट्र में कीमत 55 रुपये टन है और गुजरात में 150 रुपये टन. तो आखिर राजस्थान में इतनी मंहगी बजरी क्यों दी जा रही है? संयम ने सवाल करते हुए पूछा कि क्या राजस्थान में बजरी पर पाला पड़ गया? बजरी पर बर्फ गिर गई? बजरी की फसल खराब हो गई है?
सीएम गहलोत के सलाहकार ने कहा कि बजरी माफिया की गुंडागर्दी बढ़ गई है. बिना नंबर की गाड़ियां बजरी ढो रही हैं. पुलिस संयम लोढ़ा के फोन से भले न आए, लेकिन बजरी माफिया के कहने से सबसे पहले पहुंच जाती है. संयम ने कहा, 'मैं चेता रहा हूं कल्ला साहब! अगर बजरी का रेट कम नहीं हुआ तो कांग्रेस सरकार को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.'
संयम लोढ़ा ने कहा कि सरकारी काम के लिए भी बजरी नहीं मिल रही है. गांव में पूरी तरह से काम ठप हो गया है. कैसे कोई प्रधानमंत्री आवास बनाएगा? पहले 700 रुपये और अब 2500 रुपये में ट्रैक्टर बजरी दे रहा है. साल 2012 से ये दंगल चल रहा है. इसे अब रोकना होगा.
शिक्षा मंत्री से भी किया बड़ा सवाल
संयम लोढ़ा ने शिक्षा मंत्री से सवाल किया कि पेपर लीक के लिए कानून बढ़िया है, लेकिन इससे काम नहीं चल पाएगा. जो 10 और 12वीं की डिग्री दी जा रही है, वो किस काम की नहीं है. सारी डिग्री के बाद भी बच्चों को कोचिंग सेंटर में जाना पड़ रहा है. फिर भी इन बच्चों को कोचिंग सेंटर में जाने से रोकना होगा. इसके लिए सिस्टम बनाया जाए, जिससे इस तरह की व्यवस्था पर रोक लगे. संयम लोढ़ा ने कहा कि हमारे बच्चे रोने को मजबूर हैं और सरकार उनके आंसू नहीं पोछ पा रही है. उनके लिए कुछ करना होगा. शिक्षा मंत्री पर संयम ने जमकर हमला बोला है.
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