एक्सप्लोरर

Rajasthan Politics: CM गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र के सौहार्दपूर्ण संबंध की कहानी लिख रहा राजस्थान

Rajasthan News: देश के अन्य राज्यों में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के रिश्तों में खटास की खबरें आती रहती हैं लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र के संबंध मधुर बने हुए हैं.

Ashok Gehlot and Kalraj Mishra: एक तरफ अलग-अलग राज्यों से राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों के बीच मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं, दूसरी तरफ राजस्थान राज्यपाल कलराज मिश्र और सीएम अशोक गहलोत के बीच मधुर संबंधों की कहानी लिख रहा है. राजनीतिक दिग्गजों का कहना है कि दोनों अनुभवी नेता हैं जिन्हें राजनीति में दशकों का अनुभव है और इसलिए वे जानते हैं कि चुनौतियों का सामना कैसे किया जाता है.

राज्यपाल मिश्र को कुछ विधेयकों पर नाराजगी जताते देखा गया

राज्यपाल मिश्र को पिछले कुछ महीनों में कुछ विधेयकों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर नाराजगी व्यक्त करते देखा गया था लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इन सभी मुद्दों को चतुराई से संभाला, एक ऐसा खाका तैयार किया जिसका सभी को पालन करना चाहिए. हाल ही में राज्यपाल ने विधानसभा सत्र को लंबे समय तक स्थगित करने पर जमकर निशाना साधा और कहा कि यह 'परंपरा' विधायी प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाएगी. वे राज्य विधानसभा में 83वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के समापन समारोह में मुख्य भाषण दे रहे थे.

सीएम गहलोत ने इस मुद्दे पर नहीं दी ज्यादा प्रतिक्रिया 

कांग्रेस सरकार और राजभवन (गवर्नर हाउस) के बीच सदन के कामकाज के बिना सत्र जारी रहने को लेकर जारी खींचतान की पृष्ठभूमि में यह टिप्पणी आई है. वास्तव में राजस्थान सरकार ने परंपरा तब शुरू की जब मिश्र ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और 18 कांग्रेस विधायकों के गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा बुलाने के सरकार के अनुरोध को बार-बार खारिज कर दिया. कांग्रेस सरकार ने अपने दम पर काम करते हुए कम से कम तीन सत्र होने के मानदंड के खिलाफ 2021 और 2022 में लंबे समय तक विधानसभा सत्र जारी रखा.

हालांकि, गहलोत ने एक अनुभवी राजनेता की तरह इस मुद्दे पर ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दी. पिछले साल कलराज मिश्र ने निजी विश्वविद्यालयों के तीन बिलों का पांच महीने तक अध्ययन करने के बाद उन्हें वापस कर दिया. ये ड्यून्स यूनिवर्सिटी (जोधपुर), व्यास विद्या पीठ यूनिवर्सिटी (जोधपुर) और सौरभ यूनिवर्सिटी, हिंडौन सिटी, करौली के बिल थे, जिन्हें 35-40 गलतियों के साथ पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया गया. फिर भी कोई विवाद नहीं हुआ.

विधेयकों को पास रखने पर भी नहीं पैदा हुआ तनाव 

राज्यपाल ने 2020 में लागू केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ लाए गए विधेयकों को भी अपने पास रखा. फिर भी, इस मुद्दे को लेकर कोई तनाव पैदा नहीं हुआ. राजनीतिक विशेषज्ञ त्रिभुवन ने कहा, सीएम गहलोत और राज्यपाल मिश्रा के बीच कोई गतिरोध नहीं है, इसका कारण यह है कि वे अनुभवी राजनेता हैं जो दशकों से राजनीति में हैं. उन्होंने कहा कि अनुभवी राजनेताओं की एक विशेष पहचान होती है.

वे संबंध बनाए रखना जानते हैं और वे यह भी जानते हैं कि अपने सहयोगियों का सम्मान कैसे करना है. बीजेपी शासित राज्यों में राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों के बीच गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा किअसली मुद्दा यह है कि बीजेपी में युवा नेता खुद को कांग्रेस विरोधी और कम्युनिस्ट विरोधी साबित करने के लिए उत्सुक हैं, जो समस्याएं पैदा करता है.

अनुभवी राजनेता जानते हैं रिश्तों को मजबूत करना 

उन्होंने कहा, राजस्थान में मैंने देखा है कि संघ के नेताओं और कम्युनिस्टों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, उनमें वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वे त्यौहारों और अन्य अवसरों पर एक-दूसरे के घर जाते रहे हैं, यह मैंने श्रीगंगानगर में देखा है, जहां से मैं आता हूं. वास्तव में, भैरों सिंह शेखावत के शासन के दौरान भी, तत्कालीन राज्यपाल के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध थे. इसके अलावा, गहलोत ने हाल ही में असम के राज्यपाल के रूप में प्रतिनियुक्त गुलाब चंद कटारिया की मेजबानी की, उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के बाद ओम बिरला की भी मेजबानी की और हाल ही में जगदीप धनखड़ को उपाध्यक्ष नामित किए जाने पर रात्रिभोज की मेजबानी की.

तो ये हैं अनुभवी राजनेताओं की विशेषताएं जो रिश्तों को मजबूत करना जानते हैं.उन्होंने कहा कि कलराज मिश्र 2003-08 के दौरान राजस्थान के प्रभारी थे, इसलिए वह राज्य को अच्छी तरह से जानते हैं. वह एक अनुभवी राजनेता के तौर पर आपसे बात करेंगे. साथ ही उन्होंने विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. अब इस प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्षता' शब्द है जिसका आरएसएस विरोध करता है. हालांकि, एक संवैधानिक पद पर रहते हुए, उन्होंने फिर से राजनीतिक परिपक्वता दिखाते हुए इसे सही ठहराया.

ये भी पढ़ें :-Rajasthan Politics: राजस्थान BJP में बड़ा बदलाव, दो जिलाध्यक्ष समेत कई जिलाप्रभारी और सह प्रभारी बदले गए

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget