Ashok Gehlot Govt Cabinet Meeting: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इसमें नवीन जिलों के गठन पर चर्चा, विद्यालयों में संविधान की उद्देशिका और मौलिक कर्तव्यों का पाठन, कार्मिकों के हित में प्रथम वेतन वृद्धि 6 महीने में करने के साथ-साथ प्रदेश के युवाओं को राजकीय सेवा में ज्यादा अवसर देने के संबध में निर्णय लिए गए.
साथ ही, संस्कृत विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा और राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी का नाम ‘दी विश्वकर्मा स्किल्स यूनिवर्सिटी‘ करने सहित महत्वपूर्ण भी निर्णय लिए गए. मंत्रिमंडल की बैठक में नवीन जिलों के गठन के लिए बनाई गई राम लुभाया कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा की गई. मुख्यमंत्री ने बताया कि इन नवीन जिलों से राज्य के विकास को एक नई गति मिलेगी और आमजन की सुगमता बढेगी. साथ ही विकास संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग अधिक प्रभावी ढंग से होगी, जिससे आमजन को सरकारी योजनाओं, सुविधाओं और सेवाओं का लाभ शीघ्र मिल सकेगा. बैठक में फैसला किया गया कि जयपुर ग्रामीण नया जिला बनेगा.
नवीन जिले बनने से होंगे ये लाभ
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा "इन नवीन जिलों से प्रदेश के पिछड़े और दूरस्थ क्षेत्रों तक जिला प्रशासन और उसके माध्यम से सरकार की पहुंच और अधिक सुगम होगी, जिससे इन क्षेत्रों के लोगों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण होगा. यही नहीं जमीन संबंधी और दीवानी मामलों के न्यायालय नजदीक होने से आमजन के समय और धन की बचत होगी और इन मामलों का त्वरित निस्तारण हो सकेगा. आमजन से सीधे जुड़े विभिन्न विभागों के नवीन कार्यालय खुलने से सेवा प्रदान और समस्या निवारण जल्दी हो सकेगा. साथ ही जिलों का आकार संतुलित होने से कानून व्यवस्था पर अधिक प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा, जिससे अपराधों पर अंकुश लगेगा."
'आमजन और जिला प्रशासन में बढ़ेगा'
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे आमजन और जिला प्रशासन में सवांद बढ़ेगा. साथ ही अभाव अभियोगों का शीघ्र और प्रभावी निस्तारण संभव होगा. नए जिला मुख्यालयों के कारण जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्र में शहरीकरण के साथ-साथ औद्योगीकरण में बढ़ोतरी से निवेश-रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे. साथ ही नवीन कार्यालयों और बढ़े हुए प्रशासनिक मानव संसाधन के कारण लोगों को चिकित्सा, शिक्षा और आमजन से जुड़ी ऐसी ही आवश्यक सेवाएं और अधिक प्रभावी ढंग से दी जा सकेंगी. नए जिला मुख्यालयों के कारण सड़क, रेल और यातायात के अन्य नवीन मार्गों का विकास होगा, जिससे विकास और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे.
स्कूलों में शुरू होगी संविधान की उद्देशिका की पढ़ाई
इस बार के बजट में 19 जिलों की घोषणा की गई थी. इस क्रम में रामलुभाया समिति द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट, विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त ज्ञापनों और जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए केबिनेट द्वारा आंकलन कर सीमा निर्धारण के संबंध में चर्चा की गई. साथ ही मंत्रिमंडल की बैठक में प्रत्येक विद्यालय में संविधान की उद्देशिका और मौलिक कर्तव्यों का पाठन आरंभ करने का निर्णय लिया गया है. इससे प्रदेश की युवा पीढ़ी का देश के महान संविधान, लोकतंत्र- राष्ट्रीयता पर विश्वास और गर्व और अधिक सुदृढ़ हो सकेगा. यह पाठन विद्यालयों में प्रति शनिवार (नो बैग डे) किया जाएगा. नई प्रकाशित होने वाली पाठ्य पुस्तकों में भी संविधान की उद्देशिका और मौलिक कर्तव्यों को प्रकाशित किया जाएगा.
‘दी विश्वकर्मा स्किल्स यूनिवर्सिटी’
मंत्रिमंडल ने 'दी राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी, जयपुर (चेन्ज ऑफ नेम एण्ड अमेन्डमेन्ट) बिल 2023' के प्रारूप को मंजूरी देते हुए राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी का नाम ‘दी विश्वकर्मा स्किल्स यूनिवर्सिटी’ करने का निर्णय लिया है. इससे कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया, बोर्ड ऑफ मैनेजमेन्ट के गठन और नए प्रावधानों के लिए ऑर्डिनेन्स लाने आदि की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. इस निर्णय से विश्वविद्यालय का कार्य सुगमता और त्वरित गति से हो सकेगा. मंत्रिमंडल की इस स्वीकृति से यह विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया जा सकेगा.
अब वेतन वृद्धि की होगी दो तारीखें
साथ ही मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इससे कार्मिक की पदोन्नति या एसीपी लगने पर पदोन्नति पद के पे-लेवल में समान सेल होने पर आगामी सेल में वेतन नियत हो सकेगा. इससे कार्मिक के वेतन में वृद्धि होगी. साथ ही वर्तमान में एक ही वेतन वृद्धि की तारीख के स्थान पर अब दो वेतन वृद्धि की तारीखें (1 जनवरी और 1 जुलाई) निर्धारित की गई हैं. इससे कार्मिकों को प्रथम वेतन वृद्धि 6 महीने में ही मिल जाएगी. इन संशोधनों से विभिन्न सेवाओं के पदनाम भी सेवा नियमों के अनुरूप हो जाएंगे.
राज्य के अभ्यर्थियों को सरकारी सेवा में मिल सकेंगे अधिक अवसर
मंत्रिमंडल ने राजकीय सेवाओं में प्रदेश के अभ्यर्थियों को अधिक से अधिक नियोजित करने और शीघ्रलिपि में दक्ष अभ्यर्थी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिकवर्गीय सेवा नियम 1999, राजस्थान सचिवालय लिपिकवर्गीय सेवा नियम 1970 और राजस्थान लोकसेवा आयोग (लिपिकवर्गीय एवं अधीनस्थ सेवा) नियम और विनियम 1999 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. इसके अंतर्गत शासन सचिवालय, अधीनस्थ कार्यालयों और राजस्थान लोक सेवा आयोग से संबंधित मंत्रालयिक सेवा नियमों में शीघ्रलिपिक/निजी सहायक ग्रेड के पाठ्यक्रम में राजस्थान के सामान्य ज्ञान को वेटेज देने का प्रावधान किया गया है. साथ ही, फेज के लिए विज्ञापित पदों में 15 गुणा विद्यार्थियों को सम्मिलित करने और शीघ्रलिपि को वेटेज देने संबंधी प्रावधान भी किए गए हैं.
महिला कार्मिकों को राहत
मंत्रिमंडल ने महिला राजकीय कार्मिकों को गर्भावस्था के दौरान स्थानांतरण पर होने वाली परेशानियों से राहत देने के लिए राजस्थान सिविल सर्विसेज (अलॉटमेंट ऑफ रेजिडेंशियल एकोमोडेशन) रूल्स, 1958 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. उक्त संशोधन से महिला राजकीय कर्मचारी जिसको राजकीय आवास आवंटित किया जा चुका है, वह उस आवास को मातृत्व अवकाश की समाप्ति तक सामान्य किराए पर रख सकेगी.
संस्कृत विद्यालयों में होगी कंप्यूटर शिक्षा की व्यवस्था
अब प्रदेश के विभिन्न संस्कृत विद्यालयों में विद्यार्थियों को कंप्यूटर की शिक्षा मिल सकेगी. मंत्रिमंडल ने संस्कृत शिक्षा विभाग में राजस्थान संस्कृत शिक्षा राज्य और अधीनस्थ सेवा (विद्यालय शाखा) नियम, 2015 में वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशक और बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक के पदों को सम्मिलित करने के साथ-साथ नई अनुसूची जोड़कर इन पदों पर भर्ती के संबंध में स्कीम और सिलेबस को शामिल करने के प्रारूप का अनुमोदन किया है. उक्त स्वीकृति से संस्कृत विद्यालयों में कंप्यूटर अनुदेशकों का पदस्थापन हो सकेगा और विद्यार्थियों को कंप्यूटर की शिक्षा मिल सकेगी.
मंत्रिमंडल ने राजस्थान उद्योग सेवा नियम-1960, राजस्थान उद्योग अधीनस्थ सेवा नियम-1966 और राजस्थान राज्य अधीनस्थ सेवाएं (संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती) नियम-1999 में परिशिष्ट ‘च’ में संशोधन कर इनमें उद्योग विभाग का नाम उद्योग और वाणिज्य विभाग करने का निर्णय लिया है. नाम परिवर्तन होने से विभाग के अधिकारियों का पदनाम भी संशोधित हो जाएगा.
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