Rajasthan News: सचिन पायलट (sachin pilot) के अल्टीमेटम देने के 10 दिन बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) ने विपक्ष की आड़ लेकर उन पर जुबानी हमला बोला है. सचिन पायलट ने पेपर लीक से प्रभावित कैंडिडेट्स को मुआवजा देने की मांग की थी. वहीं, सीएम गहलोत ने मुआवजा मांगने को 'बुद्धि का दिवालियापन' कहा है. सीएम गहलोत ने नाम लिए बिना पायलट की बड़ी मांग पर हमला बोलकर सियासी हलकों में फिर नई चर्चाएं छेड़ दी हैं गहलोत ने कहा कि पेपर आउट कहां नहीं हो रहे हैं और कानून हमने बनाया है. हम पेपर आउट करने वालों को जेल भेज रहे हैं.
सीएम गहलोत ने कहा, 'हमने 200 लोगों को जेल भेज दिया. किस राज्य ने जेल भेजा है. विपक्ष के पास कोई बात नहीं है तो वो पेपर आउट की बात करेंगे. और कहेंगे कि इन्हें मुआवजा दो, जो 26 लाख लोग बैठे हैं, इन्हें मुआवजा दो. ऐसी मांग की जाती है कि पेपर आउट हो गए इसलिए इन्हें मुआवजा मिलना चाहिए. इसको आप क्या कहेंगे, इसे 'बुद्धि का दिवालियापन' नहीं कहेंगे ? इनको मुआवजा दो. दुनिया के इतिहास में किसी ने कभी मांग की है'
सचिन पायलट का नहीं लिया नाम
सीएम गहलोत ने आगे विपक्ष में रहकर संघर्ष करने का जिक्र करते हुए रामेश्वर डूडी और गोविंद सिंह डोटासरा का हवाला दिया लेकिन सचिन पायलट का नाम नहीं लिया. गहलोत ने कहा कि समझते ही नहीं क्या करना है. अरे भाई आप विपक्ष में हो, हम भी विपक्ष में थे. डोटासराजी हमारे अध्यक्ष थे, रामेश्वर डूडी हमारे नेता प्रतिपक्ष थे. हम अपने मुद्दे बनाते थे. मुद्दे बनाए, संघर्ष भी किया. सड़कों पर संघर्ष किया. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में भी किया, अलग किया. कोई कमी नहीं रखी.
गहलोत का संकेत कि पायलट की मांगें नहीं मानी जाएंगी
सचिन पायलट ने 15 मई को जयपुर में की गई सभा में गहलोत सरकार के सामने तीन मांगें रखते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था. पायलट की तीन मांगों में एक मांग पेपर लीक से प्रभावित बच्चों को मुआवजा देने की थी. पायलट की मांगों में आरपीएएसी को भंग कर उसका पुनर्गठन करना और बीजेपी राज के करप्शन की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाना शामिल था. गहलोत के बयान से यह साफ हो गया कि वह पायलट की मांगों को नहीं मानेंगे. 30 मई को सचिन पायलट का अल्टीमेटम पूरा हो रहा है.
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